‘रोजगार में कमी, अस्थिर सीमाएं समेत मुद्दों पर ध्यान देना होगा’, विकसित भारत पर बोले सेना उप प्रमुख

सूरत: थल सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने शुक्रवार को सूरत लिटफेस्ट 20225 में राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत @ 2047 विषय पर बात की। उन्होंने बताया कि रोजगार के पर्याप्त अवसरों की कमी, अस्थिर सीमाएं कुछ ऐसी कमजोरियां हैं जिन पर भारत को विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए ध्यान देने की आवश्यकता है। थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि 2047 के भारत को अपने प्रतिक्रिया तंत्र को एकीकृत करना चाहिए और जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में अपनी आंतरिक समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने कहा, “हमारी ताकत भौगोलिक स्थिति, युवा, आर्थिक विकास, फार्मा और आइटी है, जिसमें हम प्रगति कर रहे हैं। हमारी कमजोरी क्या है? पहला, पर्यावरण परिवर्तन, दूसरा, हमारा विनिर्माण क्षेत्र मजबूत नहीं है और तीसरा, हमारे पास रोजगार के उतने अवसर नहीं है। चीन और पाकिस्तान के साथ हमारी सीमा विकसित नहीं है। हमें मानव विकास सूचकांक में सुधार करना होगा।”
राजा सुब्रमणि ने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज के आंतरिक मुद्दों पर काम करें, चिंताओं को कम करें और विकास की तरफ बढ़े। तभी हमारी आतंरिक सुरक्षा बेहतर होगी।” उन्होंने आगे कहा, “जम्मू और कश्मीर, मणिपुर और नेपाल से संबंधित मुद्दों को हल करना होगा, ताकि सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और 2047 तक भारत विकसित देश बन जाएगा।” लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि ने बताया कि आर्थिक सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। अगर राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा समान नहीं होगा तो भारत कभी प्रगति नहीं पाएगा।
थल सेना के उपप्रमुख ने बताया कि आज अर्थव्यवस्था को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। दुनिया को विभिन्न ब्लॉकों में विभाजित किया जा रहा है। देश वैश्वीकरण के खिलाफ जा रहा है और क्षेत्रीय ब्लॉक बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा में भारत भी प्रभावित है। सीमा मुद्दों पर उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और चीन के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं। हम हिंद सागर में अपना प्रभुत्व बनाए रखते हैं। हम तकनीकी समाधानों का उपयोग करके अपनी सुरक्षा का प्रबंधन करते हैं।”