All States

हिमाचल प्रदेश के संजौली मस्जिद मामले में बहस पूरी, 30 नवंबर को आ सकता है फैसला

शिमला:  चर्चित संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण गिराने के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर जिला अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत ने भी सभी पक्षों को सुनाने के बाद 30 नवंबर को एमसी के फैसले को चुनौती करने वाली अपील पर अंतिम फैसला रखा है। अदालत के आदेश पर हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर हलफनामा दायर किया। इसमें 2006 में मोहम्मद लतीफ नेगी को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बनाने की बात कही है। बहस के बाद मामले में अगली सुनवाई 30 नवंबर तय की है। पांवटा साहिब के रहने वाले अपीलकर्ता नजाकत अली हाशमी ने एमसी आयुक्त के फैसले के खिलाफ 5 अक्तूबर को जिला अदालत में अपील दायर की है। आरोप लगाया है कि मोहम्मद लतीफ की ओर से जो हलफनामा दायर किया है, वह गैर कानूनी है। लतीफ की तरफ से जो हलफनामा दायर किया है, वह कमेटी की सहमति के बगैर दायर किया है।

उधर, शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग की अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर पांचवीं बार सुनवाई हुई। इसमें वक्फ बोर्ड ने संजौली मस्जिद कमेटी और प्रधान के अधिकृत किए जाने पर शपथ-पत्र पेश किया। इसके मुताबिक वक्फ बोर्ड ने साल 2006 में मस्जिद के रखरखाव और जीर्णोद्धार के लिए सर्वसम्मति से चेयरमेन सहित 18 सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया था। वक्फ बोर्ड के संपदा अधिकारी की ओर से अदालत के समक्ष दिए शपथ-पत्र में मोहम्मद लतीफ को कमेटी का अध्यक्ष बनाने की बात कही है, इस पर अपीलकर्ता के वकील ने आपत्ति जताई है कि अदालत के समक्ष दिया गया हलफनामा गैरकानूनी है।

वक्फ बोर्ड द्वारा कोर्ट में 2006 के कागजात दिखाए गए जबकि मामला 2010 का है। वक्फ एक्ट के तहत बोर्ड के मेंबर 5 साल के लिए नियुक्त होते हैं और कमेटी के मेंबर का कार्यकाल एक साल का होता है। इसी दौरान अदालत में वक्फ बोर्ड, नगर निगम और अपीलकर्ता के वकील के बीच में तीखी बहस हुई। गौरतलब है कि नगर निगम आयुक्त ने हलफनामों के आधार पर मस्जिद की अवैध तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए हैं। यह मामला पूरे देश में काफी चर्चा में रहा है। इसे लेकर शिमला शहर में उग्र प्रदर्शन भी हुआ था और पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा था।

Related Articles

Back to top button