अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर बनाने की तैयारी तेज

अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर बनाने की तैयारी तेज हो गई है. इस मामले में सरकार ने नए राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है, वहीं ट्रस्ट में जगाने बनाने को लेकर भी दावेदारी सामने आने लगी है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वर्तमान में राम जन्म भूमि में रामलला से संबंधित सभी संपत्तियां इस नए राम मंदिर ट्रस्ट के पास जाएंगीं.

इसी क्रम में रामलला को प्राप्त चढ़ावे व दान के रूप में करीब 10 करोड़ की नकदी भी ट्रस्ट के हिस्से में जाएगी. बता दें ‎कि ये रकम कमिश्नर अयोध्या के खाते में जमा है. हालां‎कि केंद्र सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट भेज दी गई है. बता दें ‎कि रामलला पर चढ़ावे का पूरा हिसाब-किताब कमिश्नर के बैंक खाते से ही होता था, लेकिन नई व्यवस्था में बताया गया ‎कि ट्रस्ट अब ये सारे काम करेगा. बता दें रामलला के नाम से भू-संपत्ति दर्ज नहीं है, भूमि नजूल के खाते में है. हालां‎कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 2.77 एकड़ भूमि समेत भव्य राम मंदिर के लिए अधिगृहीत पूरी जमीन की देखरेख भी सरकार की ओर से बनने वाला ट्रस्ट ही करेगा.

वहीं अन्य खर्च की बात करें तो रामलला के मुख्य पुजारी को 13 हजार रुपए प्रति माह मिलते हैं, वहीं चार अन्य पुजारियों को 8-8 हजार रुपये मासिक दिया जाता है. इसके अलावा कार्यरत 4 कर्मचारियों को तो 6-6 हजार रुपये दिए जाते हैं. वहीं राग-भोग के लिए हर महीने करीब 30 हजार रुपये मिलते हैं. रामलला समेत अन्य विराजमान विग्रहों के वस्त्र आदि के लिए इस बार रामनवमी पर 51 हजार रुपये मिला था, जबकि वस्त्र से लेकर पंचमेवा, पांच तरह की पंजीरी, पंचामृत आदि में खर्च 56 हजार हुआ था. वैसे रामनवमी पर इसके पहले 42 हजार ही मिलता था.