वैश्विक स्तर पर संक्रामक बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले 10 साल के आंकड़े उठाकर देखें तो पता चलता है कि कोरोनावायरस, मंकीपॉक्स सहित कई अन्य संक्रामक बीमारियों के कारण लाखों लोगों की मौत हुई। इन दिनों भी कई देश कुछ प्रकार का संक्रमण झेल रहे हैं। हालिया रिपोर्ट्स में अफ्रीकी देशों में मारबर्ग वायरस के कारण बढ़ती घातक बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा यूएस-यूके सहित कई अन्य हिस्सों में बर्ड फ्लू और ई.कोली बैक्टीरिया के मामले बढ़ने की खबर है। लिहाजा कई स्थानों पर खाने-पीने की चीजों को वापस लेने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
नवंबर में यूएस-यूएई सहित कई अन्य देशों में ई.कोली बैक्टीरिया के कारण बीमारी बढ़ी थी। अमेरिका के मैसाचुसेट्स में एक छह वर्षीय लड़की की ई. कोली बैक्टीरिया के संक्रमण से मृत्यु भी हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसे ये संक्रमण कथित रूप से बर्गर खाने से हुआ था। जिसके बाद कंपनी ने कुछ समय के लिए बर्गर बनाना बंद कर दिया था।
इसी क्रम में अब दूध में खतरनाक वायरस की पुष्टि की गई है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट जारी किया है। कैलिफोर्निया के एक फार्म ने दुकानों में बिकने वाले कच्चे दूध को वापस मंगाने का काम भी बढ़ा दिया है।
कच्चे दूध के सैंपल में बर्ड फ्लू वायरस
असल में कैलिफोर्निया के स्टेट हेल्थ और कृषि अधिकारियों ने एक जांच के दौरान दुकानों में बिकने वाले कच्चे दूध के सैंपल में बर्ड फ्लू वायरस पाया था। जिसके बाद से फार्म ने दूध और क्रीम उत्पादों को वापस मंगाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने एक बयान में कहा, कैलिफोर्निया में लोगों से अपील की गई है कि वे अपने पास के स्टोर पर मौजूद किसी भी कच्चे दूध या क्रीम उत्पाद का सीधे सेवन न करें। इसमें बर्ड फ्लू के सैंपल पाए गए हैं जिससे सभी लोगों की सेहत को खतरा हो सकता है।
डेयरी उत्पादों के संक्रमित होने का खतरा
अधिकारियों के अनुसार, वैसे तो अब तक दूध के कारण किसी व्यक्ति में बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि कच्चे दूध के सेवन से जोखिम जरूर हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स कहते हैं कि कच्चा दूध पीने के कारण कुछ बिल्लियों में ब्रेन डैमेज और इसके कारण मृत्यु के मामले जरूर देखे गए हैं, जिसने और भी चिंता बढ़ा दी है। इस जोखिम को कम करने के लिए पाश्चुरीकृत दूध को गर्म करके पीना सबसे सुरक्षित तरीका है।