अखिलेश यादव ने मेधावी छात्र-छात्राओं को बांटे लैपटॉप, साथ मे कही ये बात

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मेधावी छात्र-छात्राओं में लैपटॉप बांटे। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने संकल्प पत्र में जो लिखा था कि लैपटॉप देंगे लेकिन बच्चों को ढूंढने से नहीं मिला। आज अखबार उठाकर देखा तो पता चला कि टैबलेट आ रही है कोई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी को पहले बताना चाहिए कि साढ़े चार साल इन बच्चों को कौन सी टैबलेट देते रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ये आज की पीढ़ी के बच्चे हैं। पुरानी पीढ़ी वालों ने चॉक और पट्टी से पढ़ाई की होगी। लेकिन जमाना बदला है। नई पीढ़ी आई है। यह पीढी सिर्फ भारत नहीं दुनिया की जानकारी भी हासिल करने का माध्यम रखती है। मुझे खुशी है कि जिस समय सपा सरकार में लैपटॉप बांटे जा रहे थे नई पीढ़ी के लोग काफी खुश हो गए थे। ये लैपटॉप बच्चों के बड़े सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।

अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बहुत चिंतित हैं कि कौन आ रहा है। सोच-विचार में पड़ गए हैं। इस बार यूपी की जनता ने तय किया है कि झूठा वादा करने वालों को हटाकर रहेंगे।

यूपी से बीजेपी का सफाया करके रहेंगे। सीएम साहब समाजवादियों का लैपटॉप खोलकर देखेंगे तो पता चल जाएगा कि कौन आ रहा है। गौरतलब है कि कल सीएम योगी ने सपा के ‘मैं आ रहा हूं…’ स्लोगन वाले पोस्टर पर तंज कसते हुए कहा था कि सपा के आने का मतलब है कि अराजकता, अव्यवस्था, गुंडागर्दी आ रही है।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि सीएम लैपटॉप नहीं चलाएंगे क्योंकि उन्हें लैपटॉप चलाना नहीं आता है। यदि आता तो लैपटॉप बंट रहे होते। ये नए तरह की चीजें बदली हैं। नए रास्ते पर चलना होगा। विकास के रास्ते पर कोई ले सकता है तो समाजवादी लोग हैं। कुछ लोगों को दे रहे हैं। बीजेपी वालों को याद दिलाने के लिए दे रहे हैं। छात्रों को दोबारा बांटेंगे लैपटॉप।

108 और 102 नंबर एंबुलेंस की कल्पना पहले नहीं कर सकते थे। जबसे तकनीक आई चीजें बदली हैं। तकनीक और सपा सरकार नहीं होती तो 102 और 108 नंबर एम्बुलेंस नहीं चल पाती है। सरकार ने व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया है। डॉयल-100 का नाम बदल दिया। नाम-नंबर बदलना ही इनका विकास है। डॉयल-100 पर भी पुलिस आती थी डॉयल-112 पर भी आती है। 100 नंबर था तो पुलिस बेईमान नहीं थी लेकिन 112 करते ही पुलिस को जाने क्या हो गया।