बलवत सिंह के घर पहुंचे अखिलेश यादव सरकार से की ये मांग लगाए ये आरोप

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सोमवार को कानपुर में पुलिस कस्टडी (Police Custody) में मारे गए बलवत सिंह (Balvant Singh) के घर पहुंचे। कानपुर देहात के गांव सरैया में सपा मुखिया ने करीब एक घंटे कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। बताया गया है कि बलवंत की पत्नी शालिनी ने रविवार को अखिलेश यादव को पत्र लिखकर मदद मांगी थी। उन्होंने खुद को अखिलेश की छोटी बहन बताया था।

बता दें कि युवा व्यापारी बलवंत की पुलिस कस्टडी में 13 दिसंबर को मौत हो गई थी। पति के मौत के मामले में कार्रवाई से असंतुष्ट बलवंत की पत्नी शालिनी ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश को रविवार को पत्र लिखकर मदद मांगी थी। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि परिवार के सामने बर्बरता से पुलिसवाले बलवंत को पीट रहे थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि पिटाई से बलवंत की जान चली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कस्टोडियल डेथ में यूपी नंबर वन है। भाजपा सरकार में ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने इस घटना को षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदार पुलिस है। जो कार्रवाई हुई है हमें इतने से संतुष्ट नहीं होना है। ऐसी कार्रवाई पहले भी हुई है, लेकिन सवाल ये उठता है कि पुलिस हिरासत में मौत की घटना रुक क्यों नहीं रही है।

अखिलेश यादव बोले कि घटना इसलिए नहीं रुक रही हैं, क्योंकि सरकार की नीयत साफ नहीं है। अखिलेश यादव ने इस दौरान मीडिया से कहा कि परिवार पूरी घटना की निष्पक्ष जांच चाहता है। उन्होंने सरकार से मांग कि है कि घटना की सीबीआई या फिर सिटिंग जज की देखरेख में जांच कराई जाए। ताकि परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बलवंत की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए, ताकि वो अपने परिवार का जीवन यापन कर सके।

दरअसल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सोमवार को कानपुर दौरे पर थे। कानपुर जिला कारागार में उन्होंने सपा विधायक इरफान सोलंकी से भी मुलाकात की थी। जेल में करीब आधे की मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बात की। यहां भी उन्होंने प्रदेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा था कि सपा विधायक पर साजिश के तहत झूठे मुकदमों में फंसाया गया है।