International

शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बाद सेना के कई शीर्ष वकील भी नौकरी से निकाले गए, रक्षा मंत्री ने बताया अयोग्य

अमेरिका में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बाद अब सेना के वरिष्ठ वकीलों को भी नौकरी से निकाल दिया गया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने यह आदेश दिया है और उनका कहना है कि जिन वकीलों को नौकरी से निकाला गया है, वे योग्य नहीं थे। गौरतलब है कि शुक्रवार को ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीफ ऑफ स्टाफ एयरफोर्स जनरल सीक्यू ब्राउन जूनियर को उनके पद से हटा दिया। साथ ही अमेरिकी नौसेना की एडमिरल लिसा फ्रेंचेट्टी, वायुसेना के उप-प्रमुख जेम्स स्लाइफ को भी पद से हटा दिया है। ये अमेरिकी सेना के ढांचे में बड़े बदलाव का संकेत है।

अमेरिकी सेना के शीर्ष वकीलों को भी पद से हटाया
अब अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए जज एडवोकेट जनरल (JAG) के पदों पर नियुक्त वकीलों को भी पद से हटा दिया है और नए उम्मीदवारों के आवेदन मांगे हैं। रक्षा मंत्री ने हालांकि पद से हटाए गए सैन्य वकीलों के नाम नहीं बताए, लेकिन अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, थल सेना के वकील लेफ्टिनेंट जनरल जोसेफ बी बर्जर, एयरफोर्स के वकील लेफ्टिनेंट जनरल चार्ल्स प्लमर को नौकरी से निकाला गया है। वहीं नौसेना के वाइस एडमिरल क्रिस्टोफर फ्रेंच दो महीने पहले ही रिटायर हो चुके हैं। इन अधिकारियों को पद से हटाने की कोई खास वजह सामने नहीं आई है। इससे पेंटागन के अधिकारियों और कर्मचारियों में डर का माहौल है।

पूर्व में कई शीर्ष अधिकारियों को पद से हटाया गया
शीर्ष सैन्य अधिकारियों को पद से हटाने के राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि जब भी कोई नया राष्ट्रपति चुना जाता है तो वो अपने हिसाब से शीर्ष सैन्य अधिकारियों में बदलाव करते हैं और अपने भरोसेमेंद लोगों को अहम पदों पर नियुक्त करते हैं। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने वायुसेना के प्रमुख पद पर रिटायर्ड अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल डैन कैन को नियुक्त किया है। हालांकि कानूनी तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल वायुसेना प्रमुख बनने की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। ऐसा नहीं है कि पूर्व में शीर्ष सैन्य अधिकारियों को पद से नहीं हटाया गया है। बीते दशक में तीन स्टार और चार स्टार वाले कई अफसर नौकरी से निकाले गए हैं। हालांकि अधिकारियों को पद से हटाते समय उसकी पूरी वजह बताई गई, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अपने फैसले की वजह का खुलासा नहीं किया है।

Related Articles

Back to top button