प्रसव के बाद महिलाओ के शरीर में बढ़ जाता है इस बीमारी का खतरा

गर्भावस्था की तरह प्रसव के बाद भी महिला को अपनी और शिशु की स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है. मानसिक कमजोरी के साथ बाल झड़ना, पीठ दर्द, डिहाइड्रेशन, कब्ज, तनाव, वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. प्रसव के दौरान बढ़ी कैलोरी को बर्न करने के लिए रात के खाने के बाद टहलना चाहिए.

सफाई पर दें पूरा ध्यान –
प्रसव के बाद इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है. संक्रमण से बचाव के लिए सारे शरीर की सफाई रखने के साथ-साथ, जननांगों  स्तन की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. स्तनपान के बाद ब्रेस्ट को साफ करना चाहिए क्योंकि शिशु की लार से इंफेक्शन होने कि सम्भावना हैं. चिकनाई लगाने से स्तन ड्राई नहीं होगा  फीडिंग के दौरान दर्द नहीं होगा. प्रसव ऑपरेशन से हुआ है तो उस हिस्से की हल्के गुनगुने पानी से सिकाई करनी चाहिए. इससे भी दर्द की समस्या नहीं होगी.

पानी खूब पीना चाहिए –
प्रसव के बाद पानी खूब पीना चाहिए. पानी नहीं पीने से डिहाइड्रेशन और कब्ज की समस्याएं हो सकती हैं. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए तरल पदार्थ, जैसे-सूप, जूस, नारियल पानी, सलाद दलिया आदि लेने चाहिएं. मां  बच्चे को कुछ समय धूप सेंकनी चाहिए. इससे विटामिन-डी मिलता है, बच्चे का पीलिया से बचाव होता है.

ध्यान रखें –
पैक्ड, जंक फूड  तैलीय पदार्थ लेने से बचना चाहिए. इससे पेट संबंधी समस्या होती है. अधिक मात्रा में घी  नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सामान्य प्रसव के 15 दिन बाद डॉक्टरी सलाह से हल्का व्यायाम करने से शरीर फिट रहता है.

ऐसी हो डाइट –
डिलीवरी के बाद महिलाएं वजन  पीठ दर्द कम करने के लिए व्यायाम के साथ विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ डाइट में शामिल करें. गेहूं, अनाज, दाल का पानी, दालें लेने से बच्चे को भी पोषण मिलता हैं. संतुलित मात्रा में पौष्टिक आहार में प्रातः काल का नाश्ता हैवी, लंच नाश्ते से हल्का, शाम को अंकुरित मोंठ, चने लेने चाहिएं. रात को सूप, हरी पत्तेदार सब्जियां, दही लें. रात को सोने से दो घंटे पहले खाना खाएं  खाने के बाद टहलने जरूर जाएं. इससे अलावा कैलोरी बर्न होगी  शरीर फुर्तीला रहेगा