चीन को मुंहतोड़ जवाब देने और बचाव के लिए अमेरिका लगातार ताइवान को अत्याधुनिक हथियार दे रहा है। अमेरिका ने गुरुवार को पहली बार चीन तक मारने वाले हथियारों की ताइवान को बिक्री को मंजूरी दी है। अमेरिका की इस मदद से चीन बौखलाया हुआ है ।चीन नहीं चाहता है कि अमेरिका ताइवान में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करें।
शी जिनपिंग ने कहा कि चीन न तो आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास करेगा और न ही विस्तारवाद को बढ़ावा देगा। (लेकिन) चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों को अनदेखा किया जाता है तो हम खामोश नहीं बैठेंगे।
इस बीच हम किसी को इसकी अनुमति नहीं देंगे वो किसी चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण करे या उसे बांटने की कोशिश करें जिनपिंग ने अपने भाषण में हालांकि किसी देश का नाम नहीं लिया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है .
जिनपिंग ने भारत और अमेरिका को लेकर यह बातें कही हैं। क्योंकि जिनपिंग का बयान ऐसे समय में आया है जब चीन के भारत और अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव काफी ज्यादा है।
चीन की हरकतें काफी बढ़ती जा रही हैं वह अ भारत और ताइवान को लेकर को धमकी देने लगा है। जिसके बाद काफी तनाव का माहौल बना हुआ है। इन सबके बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने धमकी दी है कि चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों से छेड़छाड़ हुई तो वे चुप नहीं बैठेंगे।
भारत और अमेरिका का नाम लिए बिना शी जिनपिंग ने कहा कि अगर किसी भी ताकत ने चीन को तोड़ने की कोशिश की तो वो चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की गंभीर स्थिति आती है तो चीनी की जनता मुंहतोड़ जवाब देगी।