उत्तरप्रदेश की प्रदेश सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा, जलवायु बदलाव के असर कम करने व पेड़ों के कटान को नियंत्रित करने के लिए एक पेड़ काटने के एवज में 10 पौधे लगाने की शर्त लगा दी है।
यानी अब एक पेड़ काटने की अनुमति तभी मिलेगी जब 10 पौधे लगाने की शर्त को वृक्ष स्वामी पूरा करेंगे। इसके लिए योगी कैबिनेट ने यूपी वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के उपबंधों में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दे दी है।
अपने बयान में सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि जिन 29 प्रजाति के पेड़ों को काटने के लिए अनुमति लेनी होगी उनमें आम (देशी/तुकमी/कलमी), नीम, साल, महुआ, बीजा साल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम एवं सागौन शामिल हैं। इन पेड़ों को काटने से पहले वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। अनुमति के लिए आवेदन औनलाइन किए जा सकते हैं। अक्टूबर 2017 में योगी सरकार ने केवल पांच, छह पेड़ों को छोड़कर बाकी सभी को काटने से प्रतिबंध हटा लिया था। अब सरकार ने वापस 29 पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पहले वन विभाग के प्रस्ताव में एक पेड़ काटने पर एक पौधा लगाने की बात थी। कैबिनेट मीटिंग में सीएम ने इसमें संशोधन कर एक पेड़ के जगह पर 10 पौधे लगाने की शर्त जोड़ दी है। पौधा लगाने के साथ ही उनकी देखरेख भी करनी होगी। उन्होंने बोला कि यदि किसी के पास इतने पौधे लगाने की स्थान न हो तो ऐसी स्थिति में वृक्ष स्वामी को वन विभाग की जमीन पर निर्धारित पौधों को लगाने के लिए धनराशि जमा करनी होगी। इस धनराशि से वन विभाग पौधारोपण करेगा. इसके बाद ही पेड़ों को काटने की अनुमति दी जाएगी।