नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की 24 और 25 जनवरी को होने वाली बैठक का विपक्ष ने विरोध किया है। विपक्ष की ओर से डीएमके सांसद ए राजा ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर बैठक स्थगित करने की मांग की है। सांसद ने कहा कि जेपीसी का राज्यों का दौरा अभी खत्म हुआ है। इतनी जल्दी संशोधनों को लेकर विचार और रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकती। उन्होंने बैठक को 30-31 जनवरी तक स्थगित करने की मांग की है।
सांसद ए राजा ने पत्र में लिखा है कि पटना, कोलकाता और लखनऊ में हितधारकों से मिलने के लिए जेपीसी के दौरे के कार्यक्रम 21 जनवरी को पूरे हुए हैं। इसके बाद सभी जेपीसी सदस्य अपने राज्य और निर्वाचन क्षेत्र में दौरे और कार्यक्रमों के लिए चले गए। यह बहुत ही अजीब है कि जेपीसी की अगली बैठक की तारीखों की घोषणा बिना किसी औपचारिक चर्चा के जल्दबाजी में की गई। जबकि जेपीसी पहले से ही दौरे पर थी।
उन्होंने लिखा कि लखनऊ में जेपीसी की बैठक के दौरान भी सदस्यों ने अनुरोध किया था कि इस महीने की 24 और 25 तारीख को प्रस्तावित बैठकें व्यावहारिक रूप से संभव नहीं हैं क्योंकि सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र में कार्यक्रम में भाग लेने चले गए हैं। सदस्य इतने कम समय में साक्ष्यों/सामग्रियों को एकत्र करने और पेश करने में सक्षम नहीं हैं जो विधेयक में संशोधन और चर्चा के लिए आवश्यक हैं।
उन्होंने लिखा कि 24 एवं 25 तारीख को प्रस्तावित बैठकें संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद इस माह की 30 और 31 तारीख तक स्थगित की जाएं। जब तक जेपीसी की बैठकें स्थगित नहीं की जातीं, जेपीसी का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।
लोकसभा में बढ़ाया गया था कार्यकाल
वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल बजट सत्र 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाया गया है। लोकसभा ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी। समिति को इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देनी थी। मामले में समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि समिति के सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए।