इकाना के पास रहने वालों का छलका दर्द, बोले – फ्लैट में कैद रहो या फिर जाम झेलो
लखनऊ: इकाना में आईपीएल मैच हो या कोई कंसर्ट। आयोजक मोटी कमाई करके चले जाते हैं, लेकिन आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों की चिंता कोई नहीं करता। हर आयोजन से पहले पुलिस सोसाइटी में बैठकें करती है। निर्देश जारी किए जाते हैं। अंत में सोसाइटी में रहने वाले लोगों को कार्यक्रम के दिन फ्लैट में कैद रहना पड़ता है।
इकाना में शुक्रवार को पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ का लाइव कंसर्ट होना है। कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस ने बृहस्पतिवार को ही नाकाबंदी कर दी। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दिए गए। हालांकि, लोगों का आवागमन जारी रहा। माइक पर एनाउंसमेंट कर छोटे दुकानदारों को स्टेडियम के आसपास से दुकानें हटाने के निर्देश दिए गए। कहा गया कि कोई भी दुकानदार शुक्रवार को स्टेडियम के आसपास दुकान नहीं लगाएगा।
एक किमी की जगह आठ किमी का चक्कर
पार्थ आद्यांत रजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष रंजना सिंह का कहना है कि स्टेडियम में कोई भी आयोजन होता है तो सबसे ज्यादा स्थानीय लोगों को परेशानी होती है। गोमतीनगर से आने वाले लोगों को इकाना के पास शहीद पथ से उतरने नहीं दिया जाता। ऐसे में एक किमी की दूरी तय करने के लिए आठ किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। पुलिसकर्मी सोसाइटी की ओर जाने रोकते हैं। कई बार पुलिस के साथ बैठक की गई, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकला। अगर कोई इमरजेंसी में घर से बाहर निकलता है तो उसे जाम का सामना करना पड़ता है।
लीमार अपार्टमेंट इंजीनियर हर्षवर्धन सिंह का कहना है कि इकाना में किसी आयोजन की सूचना मिलते ही सोसाइटी के लोग परेशान हो जाते हैं। अपार्टमेंट से निकलते ही सर्विस लेन पर बैरिकेडिंग के कारण आवागमन बाधित हो जाता है। अजुर्नगंज से आने पर शहीद पथ से नीचे उतरने नहीं दिया जाता है। हुसड़िया की ओर से आने वाले दर्शक सर्विस लेन पर उतर जाते हैं और सड़क किनारे, गलियों में गाड़ी खड़ी कर देते हैं। घर से निकलना दुश्वार हो जाता है।
छह किमी का सफर तीन घंटे में
कबीरपुर के अमन सिंह पटेल का कहना है कि स्टेडियम में आयोजन के दौरान सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम की होती है। हुसड़िया से खुर्दही बाजार की दूरी छह किमी है, लेकिन जिस दिन कोई आयोजन होता है उस दिन यह सफर तय करने में तीन घंटे लगते हैं। बृहस्पतिवार को भी दोपहर दो बजे शहीद पथ पर जाम लगने से काफी समस्या का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों को शहीद पथ से इकाना के पास बने रैंप से उतरने नहीं दिया जाता है।