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जर्मन नौसेना के अधिकारी ने शनिवार को भारत-जर्मनी के संबंधों को लेकर अपने विचार साझा किए। यूरोपीय राष्ट्र की नौसेना के रियर एडमिरल हेल्गे रिश ने कहा कि भारत और जर्मनी लोकतांत्रिक देश होने के साथ ही अच्छे साझेदार हैं। दोनों देश मिलकर दुनिया को सुरक्षित करना चाहते हैं। हेल्गे रिश की जर्मनी फ्रिगेट की टास्क फोर्स ग्रुप के कमांडर हैं। जर्मनी फ्रिगेट की सात मई को दक्षिणी गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनाती की गई।

दोनों देश वैश्विक रूप से प्रतिबद्ध
कमांडर रिश ने कहा कि दोनों देश लोकतांत्रिक हैं। साथ ही हम कई सारे मूल्यों और रुचियों को साझा करते हैं। हम दोनों देश क्षेत्रीय रूप से जुड़े हैं, लेकिन वैश्विक रूप से भी प्रतिबद्ध हैं। भारत और जर्मनी के बीच करीबी सहयोग की प्रेरणा है। संयुक्त नौसेना अभ्यास को लेकर उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों और उनकी नौसेना के बीच दोस्ती और साझेदारी मजूबत करने का प्रयास है। आने वाले समय में हम और भी अभ्यास करेंगे, मगर अभी इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। मुझे लगता है कि हमारे देशों की सरकार ने इस बारे में चर्चा जरूर की होगी।

रिश ने कहा कि हिंद प्रशांत तैनाती के तौर पर जर्मन की नौसेना ने अमेरिका और एशिया में कई देशों के साथ साझा अभ्यास किए हैं। जर्मनी नौसेना भारत में इसलिए है क्योंकि यह विश्व के सबसे बडे़ लोकतांत्रिक देशों में से एक है। हमारे क्षेत्रीय संबंध काफी अच्छे हैं। हम दोनों का ही उद्देश्य दुनिया को सुरक्षित जगह बनाना है।

हम समान मूल्य साझा करते हैं
रियर एडमिरल हेल्गे रिश ने कहा कि भारत और जर्मनी दोनों राष्ट्र अच्छे साझेदार इसलिए भी हैं, क्योंकि हमारे मूल्य समान हैं। हमने अच्छे अभ्यास किए हैं। पहले हमने पूर्वी नौसैन्य क्षेत्र में अभ्यास किया और पिछले कुछ दिन से हम पश्चिमी तट पर अभ्यास कर रहे हैं। यह अभ्यास पूरी तरह से पेशेवर अंदाज में हुआ है। मैं भारतीय नाविकों के जुनून और पेशेवर ज्ञान से बहुत प्रभावित हूं।

भारत दौरे पर आए हैं जर्मन चांसलर शोल्ज
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज गुरुवार को भारत के दौरे पर आए हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।

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