‘आतंकवाद से लेकर अर्थव्यवस्था तक…’, ब्रिक्स में पीएम मोदी ने इन अहम मुद्दों पर की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सिरकत करने के लिए रूस के कजान में हैं। शिखर सम्मेलन का पूर्ण सत्र कजान एक्सपो सेंटर में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें कहीं, जानिए-
आतंकवाद से निपटने के एकजुट होना होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए हमें एकजुट होना होगा और दृढ़ता से सहयोग करना होगा। ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है। हमें अपने देशों के युवाओं में चरमपंथी विचारों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए। हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के लंबित मुद्दों पर मिलकर काम करना होगा।
भारत ब्रिक्स में नए सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, भारत ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में नए सदस्य देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है। इस संबंध में सर्वसम्मति से फैसले लिए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। जोहान्सबर्ग में आयोजित शिखर सम्मेलन में हमने जिन मार्गदर्शक सिद्धातों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को अपनाया है, उनका सभी सदस्य और भागीदार देशों को अनुसरण करना चाहिए। हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी), बहुपक्षीय विकास बैंक और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए समय पर आगे बढ़ना चाहिए। ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थानों में सुधार नहीं बल्कि उनकी जगह लेना चाहते हैं।
चुनौतियों से निपटने में भूमिका निभा सकता है ब्रिक्स
उन्होंने आगे कहा, हमारी बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम के बीच विभाजन की बातें हो रही हैं। इस तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक और गलत सूचना जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे में ब्रिक्स से काफी उम्मीदें हैं। मैं मानता हूं कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। इस संदर्भ, में हमारा दृष्टिकोण जन केंद्रित होना चाहिए। हमें दुनिया को संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहित का एक समूह है।