संविधान संशोधन पर प्रस्ताव को लेकर शहबाज शरीफ कैबिनेट की बैठक, राजनीतिक दलों के समर्थन को लेकर चर्चा
पाकिस्तान में सरकार द्वारा लाए जाने वाले संविधान संशोधन प्रस्ताव को लेकर शहबाज शरीफ सरकार ने रविवार को कैबिनेट बैठक बुला ली। बीते कुछ महीनों में प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम राय बनाने की कोशिश में जुटी पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार को कोई खास सफलता नहीं मिली। खासकर इमरान खान की पार्टी पीटीआई संविधान संशोधन प्रस्ताव का जबरदस्त विरोध कर रही है। वहीं, शहबाज की पार्टी की सहयोगी मानी जाने वाली मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) भी इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुई है।
बताया गया है कि जेयूआई-एफ के प्रमुख रहमान के साथ इस्लामाबाद में उनके आवास पर कई बैठकों के बाद भी इस प्रस्ताव को लेकर सहमति नहीं बन पाई। यह तब हुआ है, जब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट के सत्र देरी से शुरू हुए।
चौंकाने वाली बात यह है कि मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी इस संविधान संशोधन प्रस्ताव पर इमरान खान की पार्टी की सम्मति भी चाहती है और इसे लेकर पीटीआई से बातचीत जारी है। शनिवार को पीटीआई का नेतृत्व फजलुर रहमान से मिला। उन्होंने बताया कि इमरान की पार्टी रविवार तक इस मुद्दे पर फैसला कर सकती है।
दूसरी तरफ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भरोसा जताया कि फजलुर रहमान पीटीआई को इन संविधान संशोधनों के समर्थन में लाने में कामयाब होंगे। बिलावल ने कहा है कि पीटीआई ने सरकार के प्रस्ताव पर जो चिंताएं जाहिर की थीं, उन पर विचार किया गया और संविधान संशोधन से हटा दिया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोमवार को रहमान खुद ही इस प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में पेश करेंगे।
संविधान संशोधन पर पीटीआई का क्या है रुख?
मामले पर पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि उन्हें पता चला है कि पार्टी के दो सीनेटर जरका तैमूर और फैसल सलीम पार्टी की नीति के खिलाफ जाकर वोट करेंगे। हालांकि, इमरान खान के स्पष्ट निर्देशों के बिना संविधान संशोधनों पर चर्चा में प्रगति नहीं कर पाई है।