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गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने वाली दवाओं वापस करने का आदेश; नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ भी कार्रवाई

नई दिल्ली: भारत के दवा नियामक ने बुधवार को जानकारी दी कि करीब 45 दवा निर्माताओं को गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए के कारण अपने उत्पादों को वापस लेने को कहा गया है। साथ ही, पांच नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई भी शुरू की गई है।

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने सीआईआई फार्मा और लाइफ साइंसेज शिखर सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया है कि पचास नकली दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की खबरें पूरी तरह गलत हैं। ये नकली दवाएं नहीं हैं, गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतर रही हैं। दोनों चीजों में अंतर है।

रघुवंशी ने बताया कि सीडीएससीओ हर महीने बाजार से करीब दो हजार से ज्यादा नमूनों का परीक्षण करता है। इनमें से करीब 40-50 नमूने पहले या दूसरे मानक में विफल हो जाते हैं। ये विफलताएं अक्सर छोटे-छोटे मानकों से जुड़ी होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं करते। जब नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसकी जानकारी सीडीएससीओ के पोर्टल पर साझा की जाती है।

हालिया खबरों का जिक्र करते हुए रघुवंशी ने कहा कि अभी जिस तस्वीर को पेश किया जा रहा है, वह यह बता रही है कि पचास नकली दवाएं हैं, जिन्हें हमने प्रतिबंधित किया। यह पूरी तरह गलत है। वे नकली दवाएं नहीं हैं और इन्हें प्रतिबंधित नहीं किया गया। इन्हें केवल मानक गुणवत्ता पर खरे न उतरने वाली दवाओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

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