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‘दक्षिण सूडान में नए गृह युद्ध को रोकने के लिए ताकत का इस्तेमाल करें’, यूएन दूत की UNSC से अपील

दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी निकोलस हेयसॉम ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से आग्रह किया कि वह दुनिया के सबसे नए देश को फिर से गृह युद्ध में डूबने से रोकने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करे। निकोलस ने चेतावनी दी कि दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति साल्वा कीर और उप राष्ट्रपति के बीच बढ़ती दुश्मनी अब सीधे सैन्य संघर्ष में बदल गई है।

उन्होंने कहा, देश के उत्तर में हाल ही में हुई लड़ाई, पहले राष्ट्रपति रिएक मचार की गिरफ्तारी और सोशल मीडिया पर भ्रामक बातें और नफरत भरे संदेश…ये सब मिलकर देश में राजनीति और जातीय तनाव को भड़का रहे हैं। हेयसॉम संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैं और करीब 20 हजार जवानों वाली शांति सेना के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ये हालात 2013 और 2016 के संघर्षो की तरह खतरनाक संघर्षों संकेत दे रहे हैं, जिनमें चार लाख से अधिक लोगों की जान गई थी।

तेल समृद्ध दक्षिण सूडान को जब 2011 में सूडान से आजादी मिली थी, तो शांति और स्थिरता की बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन दिसंबर 2013 में देश गृह युद्ध की चपेट में आ गया, जब राष्ट्रपति कीर (जो सबसे बड़े जातीय समूह डिंका से ताल्लुक रखते हैं) के समर्थकों और उप राष्ट्रपति मचार (जो दूसरे सबे बड़े जातीय समूह नुएर से हैं) के समर्थकों के बीच संघर्ष शुरू हुआ।

2018 में सरकार और विरोधी नेताओं के बीच एक शांति समझौता हुआ था। लेकिन इस समझौते पर ठीक से अमल नहीं हो रहा है। जो काम जल्दी पूरे होने चाहिए थे, वे बहुत धीरे हो रहे हैं। इसी वजह से जो राष्ट्रपति चुनाव पहले होने थे, उन्हें अब 2026 तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। हालांकि, हेयसॉम का कहना है कि 2018 का समझौता इस हिंसा के चक्र को तोड़ने का एकमात्र व्यावहारिक तरीका है। उन्होंने कहा, सबसे जरूरी बात यह है कि हम जल्द ससे जल्द बड़े पैमाने पर जारी संघर्ष को रोकें, समझौते को लागू करने की कोशिशें फिर तेज करें औ दक्षिण सूडान पहले लोकतांत्रिक चुनाव की दिशा में बढ़े। एक और युद्ध दक्षिण सूडान और पूरे क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित होगा।

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