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वंदे भारत के पहले डिब्बे में सामने आई ये बड़ी कमियां, कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के जरिए किया खुलासा

नई दिल्ली:भारतीय रेलवे की सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर चर्चा में है। इस बार ट्रेन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे है। हाल ही में आई रेलवे सुरक्षा आयोग की रिपोर्ट में वंदे भारत ट्रेनों की सुरक्षा पर बड़े प्रश्न उठाए है। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि वंदे भारत ट्रेन का अगला डिब्बा, सामान्य रेलगाड़ियों के इंजन यानी पहले डिब्बे की तुलना में काफी हल्का होता है। ऐसे में अगर कोई मवेशी या अन्य बाधा ट्रैक पर आ जाए तो हाई स्पीड ट्रेन बड़ा हादसा का शिकार हो सकती है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारतीय यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय पर हमला बोला है। बीवी श्रीनिवास ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर किया। इसमें बताया गया है कि, मोदी सरकार रंगीन रिबन काट रही है, सेल्फी ले रही है,रिले बना रही है और जुमले फेंक रही है। 317 दिनों में 92 रेल हादसे और 25 से ज्यादा मौतें हुई है। सरकार का इस चौकाने वाली रिपोर्ट पर कोई ध्यान नहीं है। सरकार केवल प्रचार में लगी हुई है। मोदी जी के रील मंत्री से रेल मंत्रालय नहीं चलाया जा रहा है।

हाल ही में सामने आई रेलवे सुरक्षा आयोग की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि,वंदे भारत ट्रेनों के तेज स्पीड से मवेशियों से टकराने से गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। रेलवे को उन रूट्स पर लेवल क्रॉसिंग गेटों को खत्म करना चाहिए, जहां रेलगाड़ियां 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती हैं। साथ ही रेलवे को नियमित रूप से भीड़ या मवेशियों के प्रवेश वाले स्थानों की पहचान करनी चाहिए और वहां पर रेलवे सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती करनी चाहिए। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रेलवे को किसानों को अपने जानवरों के साथ पार करने के लिए भूमिगत मार्ग उपलब्ध कराने जैसी व्यवस्था करनी चाहिए। रेलवे सुरक्षा आयोग की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब रेलवे कई रूट्स पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।

आयोग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, वंदे भारत ट्रेनों में किसी भी हादसे की स्थिति में ऐसा इंतजाम होना चाहिए कि यात्री आसानी से और जल्दी बाहर निकल सकें। वहीं, अगर ट्रेन में आग लग जाए या कोई इमरजेंसी हो, तो दरवाज़े अपने आप खुल जाएँ ताकि बचाव में देर न हो सके। इसके अलावा केबिन (ड्राइवर के कंट्रोल रूम) से दरवाज़ों को चलाने के लिए ऐसी खास केबल हो जो आग लगने पर भी काम करती रहे। ट्रेनों में जो इमरजेंसी के लिए सीढ़ियां दी गई हैं, उनसे चढ़ना-उतरना मुश्किल है। इन्हें और बेहतर बनाना ज़रूरी है। जिस तरह से राजधानी एक्सप्रेस में बाहर मजबूत ग्रैब हैंडल लगे होते हैं, वैसे ही वंदे भारत या दूसरी ट्रेनों में भी हों ताकि बाहर निकलते वक्त पकड़ने में सहूलियत हो।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वंदे भारत की कई बोगियां चेन्नई के आईसीएफ, कपूरथला के आरसीएफ और रायबरेली के एफसीएफ में बन रही हैं। अभी तक देशभर में 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं और सिर्फ 2024 में ही 62 नई ट्रेनें शुरू की गईं। हालांकि, आईसीएफ के पूर्व प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर शुभ्रांशु का कहना है कि इन ट्रेनों के फ्रंट नोज कोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे टकराने वाली ऊर्जा को झेल सकें। इसके अलावा, आगे की तरफ कैटल गार्ड को अवरोध को दूर करने और उसे हटाने के लिए बनाया गया है।

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