
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी छह अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा करेंगे। इसके साथ ही वे तमिलनाडु के पंबन पुल का उद्घाटन करेंगे। यह देश का पहला वर्टिकल सी ब्रिज होगा, जिससे रामेश्वरम की रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी। दक्षिणी रेलवे के शीर्ष रेलवे अधिकारियों ने पिछले कुछ दिन पहले ही पुल और रामेश्वरम रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया है।
2.8 किमी लंबा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज 535 करोड़ रूपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। ये देश में अपनी तरह का पहला और दुनिया में दूसरा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है। नया पंबन ब्रिज मौजूदा पुल से 3 मीटर ऊंचा है। पुल की ऊंचाई समुद्र तल से 22 मीटर है। ये ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ता है।
पंबन ब्रिज मण्डपम् से समुद्र के बीच मौजूद रामेश्वरम के बीच बनाया जा रहा है। मंडप भारतीय प्रायद्वीप में जमीनी सीमा में रेलवे का अंतिम स्टेशन है, जबकि रामेश्वरम मन्नार की खाड़ी में मौजूद है। इस पुल के बन जाने से यहां ट्रेनों को ज्यादा स्पीड से चलाया जा सकेगा। साथ ही इससे मालगाड़ियों की भी क्षमता बढ़ जाएगी। रेलवे का यह नया पुल 2 किलोमीटर से अधिक लंबा है। एक अभूतपूर्व इंजीनियरिंग संरचना है। यह नया पुल मुख्य भूमि को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने का काम करेगा। यह पुल पुराने पुल की जगह लेगा, जिसे 1914 में बनाया गया था और खराब स्थिति के चलते 2022 में बंद कर दिया गया था। पुराना पंबन पुल भारत का पहला समुद्री पुल था, जिसने 110 वर्षों तक रामेश्वरम और मुख्य भूमि के बीच एकमात्र संपर्क मार्ग के रूप में काम किया।
यह स्थानीय लोगों, तीर्थयात्रियों और व्यापारियों के लिए जीवन रेखा था, लेकिन समुद्री खारे पानी और पुरानी संरचना के कारण यह जर्जर हो गया था। खारे पानी और पुरानी संरचना के कारण पुल में काफ़ी जंग लग गई थी। इस वजह से इसे बंद किया गया है। नया ब्रिज न केवल आधुनिक और टिकाऊ है, बल्कि अधिक यातायात को संभालने में सक्षम होगा। इसके निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2019 में रखी थी और तीन महीने बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था।