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KIIT आत्महत्या मामला, एनएचआरसी जांच के बीच 1 हजार नेपाली छात्र कैंपस लौटे

भुवनेश्वर:  भुवनेश्वर के केआईआईटी विश्वविद्यालय में बीटेक छात्रा की आत्महत्या मामले की जांच एनएचआरसी और ओडिशा पुलिस द्वारा की जा रही है। अब जांच के बीच 1 हजार नेपाली छात्र वापस कैंपस लौट आए हैं। उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर स्थित विश्वविद्यालय में छात्रा की मौत को लेकर 16 फरवरी को हुई अशांति के मद्देनजर 1100 नेपाली छात्र परिसर छोड़कर चले गए थे। संस्थान के प्रबंधन ने बयान जारी कर बताया है कि इनमें से ज्यादातर छात्र वापस लौट आए हैं।

विश्वविद्यालय ने बयान जारी कर दी जानकारी
विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। इससे पहले ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि केआईआईटी कैंपस में बेहतर शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करने के लिए समिति का गठन किया गया है। केआईआईटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ’16 फरवरी की घटना के बाद अस्थायी रूप से कैंपस छोड़ने वाले 1100 में से 1 हजार नेपाली छात्र अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुर करने के लिए लौट आए हैं। बाकी बचे 100 छात्र रास्ते में हैं और वे जल्दी ही पहुंच जाएंगे।’

क्या है पूरा विवाद
नेपाल की 20 वर्षीय छात्रा प्रकृति लामसाल ने 16 फरवरी को छात्रावास के के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में नेपाली छात्र न्याय की मांग कर रहे थे लेकिन कथित तौर पर केआईआईटी कर्मचारियों ने इन छात्रों को कैंपस से बाहर निकाल दिया था। आरोप है कि प्रदर्शन करने वाले नेपाली छात्रों की पिटाई की गई। साथ ही उनके साथ गाली-गलौज भी की गई और आखिर में उन्हें परिसर से बाहर निकाल दिया गया। इस मुद्दे पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने उनके देश के छात्रों के साथ हुए बर्ताव पर चिंता जताई थी। बाद में इस मुद्दे पर संस्थान ने माफी मांग ली थी और छात्रों से वापस कैंपस लौटने का आग्रह किया था। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी नेपाली छात्रों को केआईआईटी लौटने पर पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था।

राज्य सरकार ने नेपाली छात्रों के लिए बनाई हेल्प डेस्क
इस बीच राज्य सरकार ने नेपाली छात्रों की सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए एक एक हेल्प डेस्क भी बनाई है। साथ ही राज्य के सार्वजनिक, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों की सहायता के लिए एक विशेष अंतरराष्ट्रीय छात्र सुविधा प्रकोष्ठ भी शुरू किया है। केआईआईटी ने छात्रों की वापसी के लिए केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय, ओडिशा सरकार, नेपाली सरकार और नई दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास का आभार जताया है। एनएचआरसी छात्रा की मौत के मामले की जांच कर रही है। जांच टीम का नेतृत्व एनएचआरसी के रजिस्ट्रार (कानून) जोगिंदर सिंह कर रहे हैं। उन्होंने ओडिशा पुलिस से सबूत एकत्र किए हैं और केआईआईटी अधिकारियों, छात्रों और घटना से जुड़े अन्य संबंधित लोगों से बात की है। जांच टीम को 10 मार्च तक अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

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