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पुलिस हिरासत में मौत का मामला, हाईकोर्ट का न्यायिक जांच रिपोर्ट 18 नवंबर तक पेश करने का निर्देश

मुंबई:  बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बदलापुर में अक्षय शिंदे की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में न्यायिक जांच की रिपोर्ट 18 नवंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है। अक्षय शिंदे बदलापुर के स्कूल में बच्चियों के यौन शोषण का आरोपी था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मामले से जुड़े सारे सबूत इकट्ठा करने और उनकी फोरेंसिक विशेषज्ञों से जांच कराने का भी निर्देश दिया।

अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर सुनवाई कर रहा है हाईकोर्ट
कानून के अनुसार, पुलिस हिरासत में होने वाली हर मौत की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जानी चाहिए। मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कहा कि सभी दस्तावेज जांच के लिए भेज दिए गए हैं। कोर्ट ने अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए। अक्षय शिंदे के पिता ने पुलिस पर उनके बेटे का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है और इसकी कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। अभी सीआईडी मामले की जांच कर रही है।

एनकाउंटर में ढेर हुआ था अक्षय शिंदे
24 वर्षीय अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। 23 सितंबर को जब उसे एक मामले की जांच के सिलसिले में नवी मुंबई की तलोजा जेल से बदलापुर वापस लाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, तभी अक्षय ने एक पुलिस अधिकारी की पिस्टल छीनकर गोलीबारी की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अक्षय की मौत हो गई थी। यह घटना ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास हुई।

सुनवाई के दौरान अदालत ने उठाए क्या-क्या सवाल
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि सभी साक्ष्य एकत्र किए जाएं, संरक्षित किए जाएं और फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाए। शव सबसे मूक तथा ईमानदार गवाह होता है। अदालत ने कहा कि घटना में दो अलग-अलग बन्दूकों से गोलियां चलाई गई थीं। दो अलग-अलग बन्दूकों के खाली खोल मिले हैं। हर बन्दूक की फायरिंग पिन अलग-अलग होती है। यह इस बात का निर्णायक प्रमाण हो सकता है कि किस बन्दूक में कौन सी फायरिंग पिन होगी।’अदालत ने कहा, ‘हम इस बात को निर्णायक रूप से दर्शाने वाली रिपोर्ट देखना चाहते हैं।’

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