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‘लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र के साथ काम कर रहे 51 विशेषज्ञ’, लोकसभा में जितेंद्र सिंह का जवाब

नई दिल्ली: बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में बताया गया कि लेटरल एंट्री मोड के तहत चुने गए 51 विशेषज्ञ फिलहाल केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित जवाब में बताया कि 2018 में लेटरल भर्ती की शुरुआत के बाद से अब तक विभिन्न सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर पर 63 नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 51 अधिकारी मंत्रालयों और विभागों में अपने पदों पर कार्यरत हैं।

समय-समय पर किए जाते हैं मूल्यांकन- सिंह
इसके साथ ही सवाल-जवाब की प्रकिया में जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सरकार ने अपने विभागों के कामकाज और दक्षता पर लेटरल एंट्री के प्रभाव का अध्ययन किया है? इसपर केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि समय-समय पर आंतरिक मूल्यांकन किए जाते हैं लेकिन ऐसा कोई विशेष अध्ययन नहीं किया गया है।

राज्यसभा में भी दिया था तर्क
बीते दिनों केंद्र सरकार की तरफ से राज्यसभा को बताया गया था कि 2019 से 2023 तक लेटरल एंट्री मोड के माध्यम से केंद्र सरकार के कई विभागों में 63 विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने उच्च सदन में एक लिखित उत्तर में कहा कि इनमें से 35 अनुबंध के आधार पर और शेष 28 प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किए गए हैं।

2019 में आठ संयुक्त सचिवों की नियुक्ति
राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कहा था कि विशिष्ट कार्य के लिए व्यक्तियों की नियुक्ति के लिए 2018 से संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल भर्ती की गई है, जिसमें डोमेन क्षेत्र में उनके विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखा गया है।’ इसके साथ ही मंत्री जितेंद्र सिंह ने विवरण देते हुए कहा था कि 2019 में आठ संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की गई, जिनमें पांच संविदा के आधार पर और तीन अन्य सरकारी विभागों/संगठनों से प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्त किए गए।

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