3 महीने बाद चीन कर सकता है यह काम, तैयार कर रहा ये खतरनाक हथियार

सूत्रों के मुताबिक चीन सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स के मुख्य संपादक ने माना है कि इस हिंसा में चीन को भी नुकसान पहुंचा था और उसके सैनिकों की भी जान गई थी।

 

हालांकि उन्होंने इसे बड़ी सफाई से माना और कहा कि 15 जून को गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या भारत से कम थी और किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने बंधक नहीं बनाया था जबकि पीएलए के सैनिकों ने कई भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिया था।

जानकारी के अनुसार ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने राजनाथ के उस बयान को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने संसद में बयान दिया था कि चीन को भी गलवान में भारी नुकसान हुआ था। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि कितने चीनी सैनिक मारे गए थे। ग्लोबल टाइम्स चीन का सरकारी अखबार है।

चीन ने पहली बार ये माना है कि गलवान घाटी की झड़प में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी। भारत ने जहां अपने शहीद सैनिकों का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया वहीं चीन ने तो पूरी दुनिया से ही नहीं बल्कि अपने मारे गए सैनिकों के परिजनों तक को जानकारी नहीं दी और गुप्त तरीके से मारे गए सैनिकों का अंतिम संस्कार कर दिया।

लेकिन झूठ ज्यादा दिन तक नहीं चलता है और अब चीन ने स्वीकार किया है कि उसके भी सैनिक इस हिंसा में मारे गए थे लेकिन उनकी संख्या भारत से कम थी।

भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से तनाव चल रहा है। इसी बीच खबर हैं गलवान घाटी में हुई झड़प को लेकर धोखेबाज चीन का बड़ा कबूलनामा सामने आया है।