28 साल बाद पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन

 अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी घमासान लगातार जारी है। चाहे बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की बात करें या फिर आरजेडी-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन की, लगभग दोनों ही खेमे अपनी रणनीतिक तैयारी को धार देने की कवायद में जुटे हुए हैं। हालांकि कांग्रेस के रणनीतिकारों ने इस चुनाव को लेकर खास प्लानिंग की है। जानकारी के मुताबिक पार्टी अगले साल फरवरी में बिहार के अंदर बड़ी रैली करने जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि पटना के गांधी मैदान में होने वाली ये रैली नहीं सिर्फ एक सियासी रैली नहीं होगी बल्कि एक तरह का शक्ति-प्रदर्शन होगा। कांग्रेस इसी रैली के जरिए बिहार में चुनावी शंखनाद भी करेगी। ऐसे में पार्टी के रणनीतिकारों ने इस रैली को लेकर गेमचेंजर प्लान बनाया है।बिहार में फिर वापसी करने कवायद में कांग्रेस

Image result for गांधी मैदान में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन

दरअसल एक समय था जब बिहार कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता था लेकिन 90 के दशक से ही पार्टी की स्थिति यहां कमजोर हो गई। लगातार कोशिशों के बावजूद पार्टी की स्थिति में ज्यादा बदलाव नजर नहीं आया, हालांकि अब राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस आलाकमान ने नए सिरे से प्लानिंग के जरिए बिहार में वापसी की रणनीति बनाई है। बिहार कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी अपने पुराने वोटबैंक का साधने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए हमने जो योजना बनाई है उसके मुताबिक हम कांग्रेस से जुड़े पुराने नेताओं की घर वापसी कराएंगें। साथ ही वोटरों को भी अपनी ओर लाने के लिए उनके बीच जाएंगे।

03 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करेगी कांग्रेस

पार्टी सूत्रों ने साफ किया है कि कांग्रेस से जुड़े पुराने नेताओं को पार्टी में लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एनसीपी से अलग हुए तारिक अनवर की जिस तरह से कांग्रेस में वापसी हुई है, ऐसे ही पार्टी करीब 10 से ज्यादा पुराने नेताओं को फिर से कांग्रेस में लाने की रणनीति बना रही है। इस लिस्ट में बीजेपी से निष्काषित सांसद कीर्ति आजाद का भी नाम है। ऐसा इसलिए क्योंकि कीर्ति आजाद के पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

पार्टी से जुड़े पुराने नेताओं को कांग्रेस में लाने कवायद शुरू

इनके अलावा खबर है कि सांसद पप्पू यादव को भी कांग्रेस में लाया जा सकता है। वहीं कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक ऐसा कोशिश हो रही है कि शरद यादव की पार्टी का भी विलय कांग्रेस में हो जाए। इतना ही नहीं शरद यादव खुद कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ें। फिलहाल कांग्रेस का सियासी दांव कितना कामयाब होगा ये तो आगामी लोकसभा चुनाव तक में साफ हो जाएगा।

28 साल बाद गांधी मैदान में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन

वहीं कांग्रेस पार्टी ने बिहार में वापसी के लिए 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में बड़ी चुनावी रैली की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी सीधे तौर पर इस रैली के जरिए न केवल शक्ति प्रदर्शन करेगी बल्कि अपनी खोई हुई जमीन को मजबूती से पाने की कवायद का हिस्सा भी होगी। माना जा रहा है कि इस रैली में गैर बीजेपी दलों के बड़े नेताओं की भी उपस्थिति देखने को मिलेगी। इस रैली के मद्देनजर बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, शक्ति सिंह गोहिल समेत कई नेताओं ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मुलाकात की थी। उनसे बैठक के बाद ही इस रैली को मंजूरी दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *