2019 से दुनिया के कई देशों में शुरू हो जाएगी 5जी हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस, ऐसे बदलेगी आपकी जिंदगी

2019 से दुनिया के कई देशों में 5जी यानी हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस शुरू हो जाएगी। भारत भी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ को और आगे बढ़ाने के लिए 5जी यानी फिफ्थ जेनरेशन टेक्नॉलोजी लाने की तैयारी में लगा हुआ है। जिससे हमारी लाइफ पूरी तरह बदल जाएगी। 5जी ना सिर्फ इंटरनेट की स्पीड को कई गुना बढ़ा देगा बल्कि टेक्नॉलोजी की दुनिया में भी एक क्रांति ले आएगा।

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जहां तक भारत की बात है बता दें कि अपने देश में 5जी नेटवर्क 2022 तक आएगा।

5जी क्या है?

तो बता दें कि जी को मोबाइल इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी कहा जा सकता है। कुछ सालों के अंतराल पर हर बार मोबाइल इंडस्ट्री बेहतरीन इंटरनेट स्पीड के लिए खुद को अपग्रेड करती है। 5जी यानी हाई स्पीड इंटरनेट। 5G नेटवर्क 1 सेकंड में 20 गीगाबाइट्स तक की स्पीड पकड़ सकेगा। 3जी और 4जी के मुकाबले, इसके ज़रिए 20 गुना तेजी से डेटा डाउनलोड और ट्रांसफर किया जा सकेगा। इसमें एक साथ कई डिवाइसेस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा।

5जी टेक्नोलॉजी के ज़रिए ऑटोमैटिक कारें भी एक दूसरे से बेहतर कम्युनिकेशन करने में सक्षम होंगी। इसके अलावा ट्रैफिक और मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा कर पाएंगी। मान लीजिए कि शहरों में अगर सेंसर लगे हैं तो फिर वे पैदल चलने वालों और वाहनों के मूवमेंट पर नज़र रख सकते हैं।

स्मार्ट होम्स

5जी सर्विस से लैस स्मार्ट होम्स सिक्यॉरिटी सिस्टम, बिजली और पानी की खपत को मैनेज कर पाएंगे। एक स्मार्ट होम घर के हर काम कर पाएगा और बिजली की फिजूलखर्ची भी रोकेगा। और तो और यह आपकी हेल्थ का भी ख्याल रखेगा। इमर्जेंसी होने पर इसके ज़रिए डॉक्टर को भी बुलाया जा सकेगा।

स्वचालित कारें

5जी की मदद से स्वचालित कारों के AI कम्पोनन्ट में सुधार किया जा सकेगा। स्वचालित कारों में जल्दबाजी के चक्कर में उनका मार्गदर्शन नहीं हो पाता, जिसकी वजह से उन्हें चलाने के लिए मानवीय हस्तक्षेप की ज़रूरत पड़ जाती है, लेकिन 5जी के आने के बाद स्वचालित कारों का स्वरूप और दिशा ही बदल जाएगी।

हेल्थ मॉनिटरिंग

5जी के आने के बाद स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों से सेंसर लगातार जुड़े रहेंगे जो आपके स्वास्थ्य के बारे में पल-पल की जानकारी देते रहेंगे। कुल मिलाकर स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं और भी बेहतर हो जाएंगी। उदाहरण के लिए, अगर आप एक डॉक्टर हैं तो दूर बैठे ही मरीज की जांच कर सकते हैं। बाहर किसी देश से आप भारत के किसी अस्पताल में पड़े मरीज का इलाज या ऑपरेशन भी कर पाएंगे।