100 से ज्यादा केस में वांछित डकैत जगन ने आत्म समर्पण किया, जानिए ये है वजह

राजस्थान के कुख्यात डकैत जगन गुर्जर (49)ने शुक्रवार को धौलपुर में आत्म समर्पण कर दिया. उस पर तीन राज्यों में डकैती, किडनैपिंग  लूटपाट जैसी संगीन धाराओं में 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.

जगन ने गुरुवार रात भास्कर को फोन कर सेरेण्डर करने की बात कही थी. जगन ने बोला था कि उसकी पुलिस से बात हो गई है. पुलिस की टोली में उसके समाज के लोग हैं, जिन पर भरोसा करते हुए वह आत्म समर्पण के लिए राजी है. उसने यह भी बोला था कि उम्मीद है कि धोखा नहीं मिलेगा. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल लोकसभा में उसके एनकाउंटर की मांग की थी.

जगन 12 जून को धौलपुर जिले के एक गांव में दो स्त्रियों से हाथापाई कर उन्हें निर्वस्त्र घुमाने के बाद सुर्खियों में आया था. घटना का एक वीडियो भी सामने आया था.इसकेबाद से तीन राज्यों की पुलिस चंबल के बीहड़ों में छिपे जगन को तलाश कर रही थी. कई बार डकैतों  पुलिस में मुठभेड़ भीहुई. फोन पर हुई वार्ता मेंजगन ने स्त्रियों से बर्बरता के आरोपों को खारिज किया. कहा- उसने ऐसा नहीं किया. ग्रामीणों ने ही उसे उकसाया था, इसलिए हाथापाई जरूर की थी.

जीजा की मर्डर के बाद पत्नी  भाइयों के साथ गैंग बनाया था
जगन गुर्जर धौलपुर के डांग के भवुतीपुरा का रहने वाला है. 1994 में उसने जीजा की मर्डर के बाद पत्नी  भाइयों के साथ मिलकर गैंग बनाया था. बीते 18 वर्ष में यह उसका चौथा आत्म समर्पण है. इससे पहले जगन ने 2018, 2009  2001 में आत्म समर्पण किया था. गुर्जर पर राजस्थान, यूपी  मध्य प्रदेश में मर्डर के प्रयास, लूट, फिरौती, किडनैपिंग  डकैती से जुड़े 100 से अधिक मुद्दे दर्ज हैं. उस पर 40 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था.

भास्कर: महिलाओंसे हाथापाई  उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाने का आराेप है. तुम्हारी तीनपत्नियों  बेटियाें से काेई ऐसा करे तो?
जगन: मैं देवताओंकी कसम काे तैयार हूं, किसी महिला के कपड़े नहीं फाड़े. हां, कुछ लाेगाें के हाथ-पैर ताेड़ने के लिए विरोधियों के घर जरूर गया था, लेकिन घर के मर्द बाहर थे. लड़काें उनके परिवार से धक्का-मुक्की हुई, लेकिन महिलाओंकाे टारगेट नहीं किया. बच्चाें को भी कुछ नहीं कहा. सिर्फ गालियां दी थी. मेरे घर भी तीन पत्नियां, दाे बेटियां, दाे बेटे हैं. गांव में मेरा राजनीतिक  कई मुद्दाें काे लेकर विराेध है. ये मुझे कारागार में ही रखना चाहते हैं.

भास्कर:सांसद हनुमान बेनीवाल ने पहली बार किसी डकैत के एनकाउंटर की मांग सदन में उठाई है. भय गए क्या?
जगन:मैं गलत आदमी नहीं हूं, कई लाेगाें की मदद करता हूं. क्राइम की संसार से आया हूं, लेकिन जिसने मांग उठाई है वह भी पाक-साफ नहीं.

भास्कर: तुम निर्दाेष थे ताे भागे क्याें? फायरिंग क्याें कराई?
जगन:सरेंडर करके सब बता दूंगा. फायरिंग का जवाब फायरिंग से देना बीहड़ में विवशता रही. ऐसा नहीं हाेता ताे कई बेकसूर मारे जाते. अब भी कई लाेग बच जाएं, इसलिए आत्म समर्पण कर रहा हूं.

भास्कर: तुम्हारी गुंडगर्दी के वीडियाे वायरल हाे गए?
जगन:2 जून काे मेरी बेटी हाॅस्पिटल में थी. मैंने दुकानदार से पानी का पाउच खरीदा था  उसे 500 रु दिए. चेंज को लेकर झगड़ा हुआ. मुझे पांच-सात लाेगाें ने पीटा था. तब मेरे पास हथियार नहीं था. दूसरे दिन मैंने कुछ लाेगाें से हाथापाई की  एक दुकान में ताेड़फाेड़ की थी.