हो जाए सावधान, जानिये क्या खा कर नामर्द बन रहे हैं युवा ?

नई दिल्‍ली। फिटनेस सप्लीमेंट्स के सहारे आजकल हर कोई सिक्स पैक एब्स और मसल्स बनाना चाहता है। युवा वर्ग शरीर बनाने के चक्कर में देसी खुराक छोड़ कर फिटनेस सप्लीमेंट्स की तरफ अपना रुझान बढ़ाकर भयानक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इनसे शरीर तो खराब होता ही है साथ ही वो नपुंसक ऊपर से बनते जा रहे हैं।

नामर्द

फिटनेस सप्लीमेंट्स लूट रहे हैं शरीर और पैसा
बाजारों में खुलेआम अलग-अलग कंपनियों के नकली फिटनेस सप्लीमेंट्स बेचे जा रहे हैं, जहां इन सप्लीमेंट्स को खाने के साथ नौजवान पैसों की बर्बादी कर रहे हैं। वहीं अंदरूनी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

 

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेचे जा रहे 60 से 70 प्रतिशत पूर्ण आहार नकली गैर-मान्यता या गैर-रजिस्टर्ड हैं। बाजारों में फिटनेस सप्लीमेंट्स मेडिकल स्टोरों के अलावा शहरों में बड़ी-बड़ी दुकानों पर मिलते हैं।

डाक्टरों के अनुसार नकली फिटनेस सप्लीमेंट्स में स्टेरायड होता है, इनसे हार्ट अटैक, दिल के रोगों के अलावा अन्य भयानक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। भाग-दौड़ की जिंदगी में यूथ को सब कुछ फास्ट चाहिए…फिटनेस भी। आइये हम आपको बताते हैं इनका कड़वा सच

वेट गेनर सप्लीमेंट्स

वेट गेनर सप्लीमेंट्स वजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स होते हैं। ये पाउडर के रूप में बाजार में मिलते हैं। इनमें प्रोटीन का स्तर काफी ऊंचा होता है और कई बार ये हाई प्रोटीन नुकसानदायक या जानलेवा भी सिद्ध हो सकते हैं। सप्लीमेंट से मिलने वाला प्रोटीन हमारे शरीर में ज्यादा मात्र में पहुंचने के कारण फैट में बदल जाता है और कोलेस्ट्रॉल के रूप में हमारे शरीर में जमा हो जाता है, जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है। और दिल की बीमारियां हो सकती हैं।

प्रोटीन शेक्स

प्रोटीन शेक्स भी पाउडर के रूप में ही मिलते हैं। इन्हें जूस या दूध के साथ मिलाकर लिया जाता है। इनका इस्तेमाल भी वजन बढ़ाने के लिए ही किया जाता है। इनके जरिए भी आवश्यकता से अधिक प्रोटीन हमारे शरीर में जाता है, जो नुकसानदायक होता है।

एनाबोलिक स्टेरॉयड

एनाबोलिक स्टेरॉयड एक तरह की ड्रग होती है, जो इंजेक्शन और कैप्सूल के तौर पर ली जाती है। इसके लगातार प्रयोग से पुरुष मेल हार्मोस और प्रजनन क्षमता पर इसका विपरीत असर पड़ता है, पुरुष नपुंसक भी हो सकते हैं।

वेट लूज सप्लीमेंट्स

आजकल मोटापा एक आम समस्या बन चुकी है। वेट लूज करने वाली ड्रग्स में क्रोमियम का इस्तेमाल किया जाता है, जो मधुमेह रोगियों को दिया जाता है। ये ड्रग्स आठ से दस मिनट के अंदर ही वसा को जलाना शुरू कर देते हैं। ये शरीर में पानी की कमी कर देते हैं, जिनसे वजन कम हो जाता है। लेकिन डीहाइड्रेशन भी हो जाता है, जिससे मौत हो सकती है।