हीरा कारोबारी चोकसी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय को बड़ी सफलता

पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के बाद पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के बाद विदेश भाग चुके हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बड़ी सफलता मिली है. प्रवर्तन निदेशालय ने चोकसी के साथी को कोलकाता हवाई अड्डे पर अरैस्ट कर लिया है. वह हांग कांग से वापस आ रहा था. कुलकर्णी चोकसी की हांग कांग में चलाई जा रही फर्जी कंपनी का निदेशक है. उसके विरूद्ध CBI  प्रवर्तन निदेशालय ने पहले से ही लुक आउट नोटिस जारी किया हुआ था.

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इससे पहले 31 अक्तूबर को मेहुल चोकसी ने बोला था कि मैं बीमार हूं  इस वजह से 41 घंटे लंबी यात्रा करके नहीं आ सकता. यह कारण बताते हुए फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने न्यायालय के सामने प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से उसे भगोड़ा आर्थिक क्रिमिनल घोषित करने का विरोध जताया था. न्यायालय ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होनी है.

बीते मंगलवार को चोकसी की तरफ से मनी लांड्रिंग एक्ट की विशेष न्यायालय में दाखिल किए गए 10 में से एक प्रार्थना लेटर में उसने बोला था कि वह दिमाग में खून का थक्का होने औरसेहत से जुड़े अन्य कारणों के कारण 41 घंटे लंबी यात्रा करते हुए हिंदुस्तान नहीं आ सकता है. चोकसी ने यह प्रार्थना लेटर अपने एडवोकेट संजय अबाट के जरिए जज एमएस आजमी के सामने दाखिल किए थे, जिसमें उसका मुख्य जोर अपने विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से भगोड़ा आर्थिक क्रिमिनल अधिनियम (फेओआ) के तहत दाखिल शिकायत को सेहतकारणों से खारिज कराने पर था.

चोकसी ने अपने प्रार्थना लेटर में लिखा था कि वह 2012 से दिमाग में खून के थक्के से पीड़ित है  उसे पिछले 20 वर्ष से मधुमेह की भी शिकायत है. इसके अतिरिक्त उसे दिल की भी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. इतनी सारी परेशानियों के कारण उसने खुद को 41 घंटे लंबी हवाई यात्रा करने लायक नहीं बताया था.मेहुल चोकसी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बड़ी सफलता मिली है. प्रवर्तन निदेशालय ने चोकसी के साथी को कोलकाता हवाई अड्डे पर अरैस्ट कर लिया है. वह हांग कांग से वापस आ रहा था. कुलकर्णी चोकसी की हांग कांग में चलाई जा रही फर्जी कंपनी का निदेशक है. उसके विरूद्ध CBI  प्रवर्तन निदेशालय ने पहले से ही लुक आउट नोटिस जारी किया हुआ था.

 

 

इससे पहले 31 अक्तूबर को मेहुल चोकसी ने बोला था कि मैं बीमार हूं  इस वजह से 41 घंटे लंबी यात्रा करके नहीं आ सकता. यह कारण बताते हुए फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने न्यायालय के सामने प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से उसे भगोड़ा आर्थिक क्रिमिनल घोषित करने का विरोध जताया था. न्यायालय ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होनी है.

बीते मंगलवार को चोकसी की तरफ से मनी लांड्रिंग एक्ट की विशेष न्यायालय में दाखिल किए गए 10 में से एक प्रार्थना लेटर में उसने बोला था कि वह दिमाग में खून का थक्का होने औरसेहत से जुड़े अन्य कारणों के कारण 41 घंटे लंबी यात्रा करते हुए हिंदुस्तान नहीं आ सकता है. चोकसी ने यह प्रार्थना लेटर अपने एडवोकेट संजय अबाट के जरिए जज एमएस आजमी के सामने दाखिल किए थे, जिसमें उसका मुख्य जोर अपने विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से भगोड़ा आर्थिक क्रिमिनल अधिनियम (फेओआ) के तहत दाखिल शिकायत को सेहतकारणों से खारिज कराने पर था.

चोकसी ने अपने प्रार्थना लेटर में लिखा था कि वह 2012 से दिमाग में खून के थक्के से पीड़ित है  उसे पिछले 20 वर्ष से मधुमेह की भी शिकायत है. इसके अतिरिक्त उसे दिल की भी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. इतनी सारी परेशानियों के कारण उसने खुद को 41 घंटे लंबी हवाई यात्रा करने लायक नहीं बताया था.