हिमाचल प्रदेश: लोगों को रेस्क्यू करने गए डीसी खुद हुए लापता

लाहौल घाटी में बर्फबारी में फंसे पर्यटकों व स्थानीय लोगों की मदद के लिये अपने दस्ते के साथ केलंग से रोहतांग की ओर निकले लहौल स्पिीती के जिलाधीश अश्वीनी कुमार सहित आठ लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है। इस दल की तालाश के लिए आज फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने जा रहा है। शुक्रवार को कुल्लू में अचानक मौसम खराब होने की वजह से ऑपरेशन रोकना पड़ा था। लहौल स्पिीती के जिलाधीश व उनके साठ लोग उसके बाद शुक्रवार बाद दोपहर बर्फ में फंसे पर्यटकों की मदद के लिये निकले थे। फंसे लोगों को निकालने के लिए एक बस, कंबल और खाद्य सामग्री साथ लेकर यह दल गया था। लेकिन मौसम के करवट लेते ही यह खुद मुसीबत में फंस गए व बाद में उनका जिला मुख्यालय से सपंर्क टूट गया।

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लापता हुए ये लोग

इस दल में जिलाधीश के अलावा आपदा प्रबंधन टीम के सदस्य, जिलाधीश के चालक और पीएसओ, एचआरटीसी चालक, परिचालक इसमें शामिल हैं। लाहौल में इस बार कई फुट बर्फ गिरी है। जिससे कई लोग जहां-तहां फंसे हैं। एसडीएम केलांग अमर नेगी ने बताया कि इसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि यहां बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। लेकिन कितने लोग कहां फंसे हैं, इसकी पूरी जानकारी प्रशासन के पास भी नहीं है। हालात ऐसे हैं कि जब कुछ लोगों को निकालने का प्रयास होता है तो उसके बाद उतने ही ओर लोगों का बर्फ में फंसे होने का पता चलता है।

सप्लाई लेकर जान पर हुआ हादसा

लाहौल-स्पीति में अभी भी कई लोग फंसे हैं। मंडी जिला के 50 ट्रक ड्राइवर पिछले कुछ दिनों से फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने के कोई प्रयास अभी तक नहीं हुए हैं। बताया जा रहा है कि ये ट्रक ड्राइवर मंडी से सिविल सप्लाई का राशन लेकर गए हैं और 21 सितम्बर से वहीं फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह चालक बिना गर्म वस्त्रों के इस बार सर्दी की आखिरी सप्लाई लेकर गए थे। इस बीच असमय हुई बर्फबारी से वे वहीं फंस गए और परिवार उनकी चिंता कर रहा है। उनके ट्रक राशन से भरे हैं और कुछ के खाली हैं लेकिन उन्हें निकालने के लिए बीआरओ सुरंग से अनुमति नहीं दे रहा है जिस कारण वे लाचार हो गए हैं। उन्होंने गुहार लगाई है कि उन्हें भी वहां से सुरंग के रास्ते बाहर निकाला जाए।

वायुसेना कर रही है रेस्क्यू

लाहौल-स्पीति जिले में बर्फ में फंसे देश-विदेश के सैलानियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। टास्क फोर्स के कमांडेंट विंग कमांडर संदीप कुमार आहूजा के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसके एमआई-17 वी-5 हैलीकाप्टर, एएलएच और चीता हैलीकाप्टरों की मदद से कई लोग मौत के मुंह से बचाए गए हैं। स्क्वाड्रन लीडर विपुल गोयल, उनके को-पायलट स्क्वाड्रन लीडर मनोनीत धीमान व अन्य क्रू-मैंबर्स लगातार समूचे आप्रेशन को नई दिशा दे रहे हैं। इसी प्रकार चीता हैलीकाप्टरों के पायलट विंग कमांडर सक्सेना, विंग कमांडर मेहता और स्क्वॉड्रन लीडर एस बदियारी, एएलएच हैलीकाप्टर के पायलट विंग कमांडर रेडडी, स्क्वॉड्रन लीडर हिमांशु और उनके सभी सहयोगी भी भारतीय सेना की उच्च परंपराओं के अनुसार अदम्य साहस और सर्वोच्च सेवाभाव से रेस्क्यू आपरेशन में लगातार योगदान दे रहे हैं।

स्थिती पर सरकार की है नजर

उधर, कुल्लू के जिलाधीश यूनुस ने कहा कि एक बड़ा और एक छोटा हेलिकॉप्टर यहीं रहेंगे ताकि अगर घाटी में कहीं और लोगों के फंसे होने की सूचना मिले तो उन्हें निकाला जा सके। वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर शनिवार को लौट रहे हैं। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों को पर्यटकों व स्थानीय लोगों के बचाव व राहत कार्यों में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर 24 घंटे जिला मुख्यालयों एवं राज्य मुख्यालय से निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पहली किस्त के रूप में 122 करोड़ रुपए की राशि पुनर्वास कार्यों के लिए जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि घाटी में आवशयक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। जब तक घाटी में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं कर दी जाती, तब कि सौर ऊर्जा के माध्यम से लोगों को प्रकाश उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त हुए ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए छोटे ट्रांसफार्मर कुल्लू से हवाई मार्ग द्वारा पहुंचाए जा रहे हैं।