1986 में जिसने भी जावेद मियादाद का वो ऐतिहासिक छक्का देखा है, वह आज भी उसकी जेहन में है। चेतन शर्मा की गेंद पर लगाया गया वह ऐसा छक्का था, जिसका प्रभाव कम से कम पांच वर्ष तक रहा। उसके बाद अगले पांच वर्ष तक इंडियन टीम जब भी शारजाह में पाक के सामने आई, तो उसे पराजय का सामना करना पड़ा। आखिरी गेंद पर ऐसा ही एक छक्का लगाने का श्रेय हिंदुस्तान के के नाम है। उसका शुरुआती प्रभाव भी मियादाद के छक्के की तरह ही रहा। दिनेश कार्तिक राष्ट्र के नए हीरो बनकर उभरे। हालांकि, एक वर्षपूरा होने से पहले ही वे टीम से अपनी स्थान गंवा चुके हैं।
दिनेश कार्तिक ने पिछले वर्ष 18 मार्च को जिस मैच में आखिरी गेंद पर छक्का लगाया, वह फाइनल था। बांग्लादेश ने इस टी20 मुकाबले में हिंदुस्तान को 167 रन का लक्ष्य दिया था।जब दिनेश कार्तिक क्रीज पर उतरे तब तक हिंदुस्तान के हाथ से बाजी छिटकती लग रही थी। हिंदुस्तान ने इस मैच में पांचवां विकेट 133 के स्कोर पर गंवाया। दिनेश कार्तिक जब क्रीज पर उतरे तो हिंदुस्तान को जीत के लिए 12 गेंद पर 34 रन की दरकार थी।
कार्तिक ने छक्के से खोला था खाता
दिनेश कार्तिक ने आते ही पहली ही गेंद पर छक्का जमाया। ये तो आरंभ भर थी। छह गेंद खेलते-खेलते कार्तिक के नाम 22 रन दर्ज हो चुके थे। इनमें से दो छक्के व दो चौके शामिल थे।अगले यानी, आखिरी ओवर में हिंदुस्तान को 12 रन की आवश्यकता थी। हिंदुस्तान ने इस ओवर की पांच गेंदों पर सात रन बनाए व एक विकेट भी गंवा दिया। इससे इंडियन टीम पर दबाव आ गया था।
सौम्य गवर्नमेंट की आखिरी गेंद पर लगा छक्का
सौम्य गवर्नमेंट आखिरी गेंद फेंकने को तैयार थे व दिनेश कार्तिक स्ट्राइक एंड पर थे। वे सात गेंदों पर 24 रन बना चुके थे। उनकी तूफानी पारी ने हिंदुस्तानियों में उम्मीद जगा दी थी, लेकिन लक्ष्य सरल नहीं था। आखिरी ओवर में हिंदुस्तान को पांच रन की आवश्यकता थी। यानी, जीत तभी मिलती, जब कार्तिक छक्का लगाते। लोगों के जेहन में 1986 का वो मैच घूम रहा था, जब पाक को आखिरी गेंद पर चार रन की आवश्यकता थी व जावेद मियादाद ने छक्का जमा दिया था। दिनेश कार्तिक ने भी उस दिन मियादाद का कारनामा दोहराया वहिंदुस्तान को असंभव सी जीत दिला दी।
एक वर्ष में ऐसे घूमा वक्त का पहिया
दिनेश कार्तिक 18 मार्च 2018 के बाद हिंदुस्तान के फिनिशर के तौर पर उभरे। उन्होंने कई कांटे के मुकाबले जिताए भी। पर वे आज भारतीय टीम से बाहर हैं। 18 मार्च के उस ऐतिहासिक मैच में विजय शंकर भी खेले थे। उन्होंने उस मैच में 19 गेंद पर 17 रन बनाए थे।
आखिरी ओवर में रन नहीं बना पर रहे थे विजय
विजय शंकर आखिरी ओवर में रन नहीं बना पा रहे थे व पांचवीं गेंद पर आउट भी हो गए थे। तब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा था। आज की तारीख में विजय शंकर विश्व कप की टीम में शामिल होने के दावेदार हैं। वे हिंदुस्तान की पिछली तीन सीरीज में टीम का भाग रहे हैं।