सुप्रीम कोर्ट के 46वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई लेंगे शपथ

गोगोई इससे पहले ही एक बयान के जरिए संकेत दे चुके हैं कि मुकदमों का बोझ कम करने के लिए कोई कारगर योजना लागू की जा सकती है। जो कि आने वाले समय में न्यायपालिका के उज्जवल भविष्य के लिए बेहतर होगी। गोगोई बुधवार को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के साथ मुख्य न्यायाधीश की अदालत में मुकदमों की सुनवाई करने बैठेंगे। इस वक्त देशभर की अदालतों में 2.77 करोड़ मुकदमे लंबित हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट में 54 हजार मुकदमें लंबित हैं।

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सुप्रीम कोर्ट के 46वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के तौर पर आज जस्टिस रंजन गोगोई शपथ लेंगे। वह बुधवार से भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। बतौर सीजेआई जस्टिस गोगोई का कार्यकाल नवंबर 2019 तक रहेगा। देश के नागरिकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। वहीं अदालतों में पड़े करोड़ों मुकदमे और न्यायाधीशों के खाली पड़े पद उनके लिए बड़ी चुनौती होंगे।

हालांकि बता दें कि जस्टिस गोगोई ने 24 साल की उम्र से ही 1978 में वकालत शुरू कर दी थी। गुवाहाटी हाईकोर्ट में लंबे समय तक वकालत कर चुके 18 नवंबर 1954 को जन्मे जस्टिस गोगोई को सांविधानिक, टैक्सेशन और कंपनी मामलों का अच्छा-खासा अनुभव रहा है। वह 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट में स्थायी जज बने थे।

इसके बाद वह 9 सितंबर 2010 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज बने और यहीं 12 फरवरी 2011 को मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर वह 23 अप्रैल 2012 से कार्यरत रहे।