मस्लिम स्त्रियों के एक संगठन निसा का कहना है कि मुस्लिम स्त्रियों को सुन्नी मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसी पर वो चाहती हैं उन्हें भी ये हक़ मिले। निसा की अध्यक्ष वीपी जुहरा ने बोला कि इस मामले में वह अगले हफ्ते सर्वोच्च कोर्ट के पास जाएंगी। जुहरा का कहना है कि सुन्नी मस्जिदों में स्त्रियों को नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती, साथ ही उन्होंने सबरीमाला का उदाहरण देते हुए बोला कि हिन्दू स्त्रियों को उनके मंदिर के अनुमति मिल गई तो उन्हें सुन्नी मस्जिद में जाने से क्यों रोका जा रहा है।
जुहरा का कहना है कि उन्होंने इस मामले के वकीलों से बात कर ली है व अगले सप्ताह ही वो सर्वोच्च न्यायलय जायेंगी। आगे कहती हैं कि उन्होंने पढ़ा है कि मोहम्मद के समय में उन स्त्रियों को भी मस्जिद में नमाज पढ़ने का अधिकार था जो मानसिक धर्म से गुज़र रही होती थी, यानी आयु का कोई असर नहीं था। उस समय कोई रोक नहीं थी तो ये रोक क्यों लगी है।