सज्जन कुमार की अर्जी पर दिल्ली न्यायालय में आज (शुक्रवार को) सुनवाई होगी। सज्जन कुमार ने दिल्ली न्यायालय में अर्जी दायर कर सरेंडर की मियाद 30 दिनों की बढ़ाने की मांग की है। दरअसल, न्यायालय ने दिल्ली कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी व 31 दिसंबर तक सेरेण्डर करने का आदेश दिया था। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने सज्जन कुमार पर 5 लाख जुर्माना भी लगाया था। न्यायालय ने बाकी 5 दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया था जिनमें बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद, जबकि महेंद्रयादव व किशन खोखर की सजा 3 से 10 वर्ष बढ़ा दी थी।
जस्टिस एस मुरलीधर व जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने अपने निर्णय में बोला था कि 1947 में विभाजन के समय हुए नरसंहार के 37 वर्ष बाद फिर हज़ारों की मर्डर हुई। पीएम की मर्डर के बाद एक समुदाय को निशाना बनाया गया। हत्यारों को राजनीतिक संरक्षण था। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मर्डर के बाद दिल्ली कैंट के राजनगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मर्डर की गई थी।
आपको बता दें कि निचली न्यायालय ने सज्जन कुमार को रिहा कर दिया था। वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सज़ा व बाकी दो दोषियों पूर्व MLA महेंद्र यादव, किशन खोखर को 3 वर्ष की सज़ा सुनाई थी, जबकि कांग्रेस पार्टी नेता सज्जन कुमार को रिहा कर दिया गया था। निचली न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध दोषियों ने दिल्ली न्यायालय में अपील की थी। वहीं, CBI ने कांग्रेस पार्टी नेता सज्जन कुमार को बरी करने के विरूद्ध अपील की।
आपको बता दें कि इससे पहले CBI ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार सांप्रदायिक दंगा फैलाने में शामिल थे। पीड़ित परिवारों ने भी सज्जन कुमार को बरी करने के विरूद्ध अपील याचिका दायर की थी। याचिका पर न्यायालय ने 29 मार्च, 2017 को 11 आरोपितों को नोटिस जारी किया था। इसके बाद से मामले में दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई चल रही थी।पीठ ने मामले में बरी आरोपी से पूछा था कि क्यों न मामले में दोबारा जांच प्रारम्भ की जाए। न्यायालय ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 29 अक्टूबर को अपना निर्णयसुरक्षित रख लिया था।