शिवराज के इस बात पर, कमलनाथ ने उठाया ये बड़ा कदम

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी सरकार के गिरने-गिराने की अटकलों के बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने बड़ी बात कह दी  एक बार फिर कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह की ओर संकेत कर दिया.
वहीं दूसरी ओर सीएम कमलनाथ ने अपने विधायकों के बगावती तेवर की संभावना पर बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है. रविवार को कमलनाथ ने विधायकों की मीटिंग बुलाई है.
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह ने शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए बोला कि बीजेपी की संस्कृति खरीद-फरोख्त  जोड़-तोड़ की नहीं रही है  न ही इन उपायों से सरकार गिराने में बीजेपी विश्वास करती है. उन्होंने बोला कि प्रदेश के विकास के लिए कांग्रेस पार्टी सरकार चलाए, हमारी रुचि सरकार गिराने में नहीं है. कांग्रेस पार्टी के अंतर्विरोध  उन्हें समर्थन करने वालों की वजह से सरकार गिर जाए तो अलग बात है  फिर इसमें बीजेपी क्या कर सकती है. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद से ही बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि कुछ कांग्रेसी विधायक उनके सम्पर्क में हैं.

तो प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ कर देते

शनिवार को ‘प्रेस से मिलिए’ प्रोग्राम के दौरान उन्होंने चुनाव के दौरान गुना में बीएसपी प्रत्याशी के कांग्रेस पार्टी के पक्ष में बैठने का भी उदाहरण दिया. शिवराज ने कर्जमाफी के मामले पर यह भी बोला कि किसान परेशान है. कर्जमाफी योजना लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को ले डूबी  आगे भी यही होगा.

मध्यप्रदेश में 29 में से 28 लोकसभा सीटें जीतने  छिंदवाड़ा सीट पर करीबी पराजय को लेकर शिवराज ने बोला कि थोड़ी  मेहनत कर लेते तो कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाता. छिंदवाड़ा में उनकी जीत अब कोई अर्थ नहीं रखती. यूपी को लेकर अमित शाह जब 61 से 67 सीट जीतने का दावा करते थे तो हमें लगता था कम से कम 50 सीट जीत पाएंगे, लेकिन शाह ठीक रहे. उनसे बहुत कुछ सीखना है.

कमलनाथ कर सकते हैं कैबिनेट का विस्तार, बुलाई बैठक
कांग्रेस की करारी पराजय  मध्यप्रदेश में बीजेपी नेताओं के सरकार गिराने के दावों के बीच सीएम कमलनाथ कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. इस बारे में रविवार को होने वाली विधायक दल की मीटिंग में फैसला लिया जा सकता है. चर्चा है कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद से ही सरकार में स्थान न पाने वाले पार्टी के वरिष्ठ विधायक  बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही है.
मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायकों में छह बार के विधायक केपी सिंह, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना  राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव को स्थान नहीं मिल पाई थी. वहीं, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर  केदार सिंह डाबर भी मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद जता रहे हैं. इधर, बीएसपी विधायक संजीव सिंह कुशवाहा  सपा के राजेश शुक्ला को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है.

मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा, यह अभी तय नहीं है. वैसे कमलनाथ कैबिनेट में सीएम समेत अन्य 28 मंत्री हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल में छह विधायक  शामिल किए जा सकते हैं. लिस्ट लंबी है  कमलनाथ के लिए चुनौतियां कम नहीं हुई है.