व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजने से पहले जरूर पढ़ ले ये खबर, ग्रुप एडमिन जा सकता है जेल

आगरा में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक को व्हाट्स एप ग्रुप में जोड़कर अश्लील मैसेज भेजने के आरोपी ग्रुप एडमिन को सोमवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने उसे चंदौली से गिरफ्तार किया था। आरोपी का मोबाइल भी जब्त किया है। उसे प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा।

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विधि विज्ञान प्रयोगशाला में तैनात वैज्ञानिक ने एसएसपी से शिकायत की थी। इसमें कहा था कि व्हाट्स के ग्रुप बनाकर उनके मोबाइल नंबर को जोड़ा जाता है। इसमें अश्लील मैसेज और वीडियो भेजे जाते हैं। उन्होंने तीन बार ग्रुप से लेफ्ट किया, लेकिन उन्हें फिर से जोड़ लिया गया। कई बार स्क्रीन शॉट भी उनके पर्सनल नंबर पर भेजे गए। इसके पीछे साजिश की आशंका जाहिर की।

इस पर साइबर क्राइम सेल को जांच सौंपी गई। जांच में पता चला कि चंदौली के थाना चकिया स्थित गांव सराय का शिवेंद्र पुत्र ईश्वरी प्रसाद ग्रुप का एडमिन है। इस पर पुलिस टीम को भेजा गया। आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।

डाउनलोड करता था पोर्न साइट के एप

सोमवार को पुलिस ने शिवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। उसे थाना रकाबगंज लेकर आए। पुलिस की पूछताछ में वह वैज्ञानिक को ग्रुप में जोड़ने का कारण नहीं बता सका। उसका कहना था कि वो प्ले स्टोर से पोर्न साइट के एप डाउनलोड करता है। इसके बाद ग्रुप में डाल देता है।

उसने कई ग्रुप बना रखे हैं। इनमें तमाम लोग जुड़े हुए हैं। उसे नहीं पता कि वैज्ञानिक कौन हैं। उसे नंबर कहीं से मिल गया था, इसलिए जोड़ लिया। इंस्पेक्टर थाना रकाबगंज ने बताया कि शिवेंद्र 19 साल का है। वो बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र है। उसके पिता परचून की दुकान चलाते हैं। उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

ग्रुप में पाकिस्तान, फ्रांस सहित कई देशों के लोग 

इंस्पेक्टर थाना रकाबगंज ने बताया कि शिवेंद्र के मोबाइल में चार से पांच ग्रुप ऐसे मिले, जिनमें विदेशी नंबर भी जुड़े हुए हैं। कुछ नंबर पाकिस्तान, फ्रांस सहित अन्य देशों के हैं। आरोपी युवक ने विदेशी नंबर क्यों जोड़ रखे थे, इसके बारे में नहीं बता सका।

मोबाइल से डेटा कर दिया डिलीट

पुलिस ने शिवेंद्र के मोबाइल की जांच की। इसमें व्हाट्स एप के कई ग्रुप के अलावा गैलरी में पोर्न वीडियो और फोटो भी मिले। काफी सारा डेटा शिवेंद्र ने डिलीट कर दिया। अब पुलिस उसे डेटा को रिकवर करने के लिए मोबाइल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजेगी। वहीं साइबर सेल भी जांच कर रही है।