विवेक तिवारी की हत्या के मामले की जांच में 5 नए चौंकाने वाले खुलासे

लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार देर रात आरोपी दोनों सिपाहियों के बयानों के आधार पर पूरी घटना का फिर से नाट्य रूपांतरण किया। इस दौरान आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी को जहां घटनास्थल से दूर एक गाड़ी में बिठाए रखा गया, वहीं नाट्य रूपांतरण के दौरान कई नए और चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए। इससे पहले एसआईटी इस मामले में चश्मदीद गवाह सना खान और विवेक की पत्नी को लेकर बीते 2 अक्टूबर को नाट्य रूपांतरण कर चुकी है। दूसरी बार के नाट्य रूपांतरण में जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे इस केस की गुत्थी और उलझती हुई नजर आ रही है।

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घटना वाली रात प्रशांत की बाइक से पेट्रोल क्यों नहीं गिरा?आरोपी दोनों सिपाहियों के साथ किए गए नाट्य रूपांतरण के दौरान कई नए तथ्य सामने आए। आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी ने अपने बयान में बताया कि विवेक ने उसकी बाइक को एसयूवी से टक्कर मारी थी, जिससे बाइक सड़क पर गिर गई। नाट्य रूपांतरण के दौरान जब बाइक गिराई गई तो उससे पेट्रोल बहने लगा, जबकि घटना वाली रात बाइक गिरने पर पेट्रोल नहीं बहा था। एसआईटी के अधिकारियों ने नाट्य रूपांतरण के दौरान एसयूवी तो मंगाई, लेकिन बाइक नहीं मंगाई। बाद में बाइक की व्यवस्था की गई।

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घटनास्थल से कहां गायब हो गया सिपाही का डंडा?आरोपी दोनों सिपाहियों के साथ देर रात 1 बजकर 51 मिनट पर नाट्य रूपांतरण शुरू हुआ और 2:45 बजे खत्म हो गया। मामले में दूसरे आरोपी संदीप कुमार का डंडा मौके से बरामद नहीं हो सका। एसआईटी ने जब जेल में संदीप के बयान दर्ज किए थे तो उसने बताया था कि घटना में इस्तेमाल किया डंडा उसने घटनास्थल पर ही फेंक दिया था, जिसे वह बरामद करा सकता है। एसआईटी के अधिकारियों ने जब संदीप के बयान के आधार पर डंडे की तलाश की तो वह नहीं मिला।

क्या गाड़ी के अंदर सामने से कुछ दिखाई दिया?जेल में एसआईटी के सामने आरोपी प्रशांत ने बताया था कि वो अपनी बाइक से एसयूपी के सामने से वहां पहुंचा था। गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी थी और उसकी लाइट्स बंद थी, जिसकी वजह से अंदर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। नाट्य रूपांतरण के दौरान जब यह प्रक्रिया की गई तो प्रशांत के दावे पर सवाल उठे, क्योंकि सामने से बाइक की लाइट पड़ने पर गाड़ी के अंदर दिखाई दे रहा था। इसके अलावा विवेक की गाड़ी जिस जगह पिलर से टकराई थी, वहीं भी आरोपी प्रशांत चौधरी को नहीं ले जाया गया।

बाइक का हैंडल एसयूवी की तरफ क्यों नहीं था?पहले नाट्य रूपांतरण के दौरान सना खान ने एसआईटी को जो बयान दिए और दूसरे नाट्य रूपांतरण के दौरान आरोपी सिपाही ने जो बयान दिए, उनमें काफी अंतर पाए गए। विवेक तिवारी मर्डर केस के मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी ने एसआईटी को बताया कि वह सामने से आया था और विवेक ने तीन बार उसकी बाइक को अपनी एसयूवी से टक्कर मारी। ऐसे हालात में बाइक का हैंडल एसयूवी की तरफ होना चाहिए, जबकि घटना वाली रात मौके पर बाइक का हैंडल शहीद पथ की ओर था।

आरोपी सिपाही को 80 मीटर दूर कार में बिठायाघटना वाली रात के नाट्य रूपांतरण के दौरान एसआईटी के अधिकारियों ने आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी को घटनास्थल से करीब 80 मीटर दूर कार में ही बिठाए रखा। इस दौरान प्रशांत ने रुमाल बांधकर अपना चेहरा ढका हुआ था। नाट्य रूपांतरण के दौरान एसआईटी टीम के साथ मौजूद आईजी रेंज सुजीत पांडे ने फोन पर ही आरोपी सिपाही प्रशांत से बात करते हुए पूरी प्रक्रिया निपटाई। पूरे नाट्य रूपांतरण के दौरान आरोपी सिपाही को गाड़ी से नीचे ही नहीं उतारा गया। एसआईटी की इस प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आरोपी सिपाही को घटनास्थल से दूर क्यों रखा गया।

नाट्य रूपांतरण के बाद जेल भेजे गए दोनों सिपाहीआपको बता दें कि पिछले महीने 28 सितंबर की रात को एप्पल कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर तैनात विवेक तिवारी की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। विवेक तिवारी एप्पल फोन के लॉन्चिंग इवेंट से देर रात अपनी पूर्व सहकर्मी सना खान को घर छोड़ने जा रहे थे। उसी दौरान यूपी पुलिस के सिपाही प्रशांत चौधरी ने कथित तौर पर गाड़ी ना रोकने पर उन्हें गोली मार दी थी। बाद में अस्पताल में विवेक तिवारी की मौत हो गई। इस मामले में दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर और उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है। शनिवार को दोनों सिपाहियों को दो दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस ने घटना का नाट्य रूपांतरण किया। नाट्य रूपांतरण के बाद दोनों सिपाहियों को जेल भेज दिया गया।