विश्व बैंक ने
सेहत व एजुकेशन के आधार पर नया ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स यानि मानव पूंजी सूचकांक जारी कर दिया है
. इस रिपोर्ट में
हिंदुस्तान को 0.44 अंक मिले हैं
. बाल मृत्यु दर
व पढ़ाई के मामले में हम अपने पड़ोसी
राष्ट्र पाक से तो बेहतर हैं
. बाल मृत्यु दर
व पढ़ाई के मामले में
चाइना व श्रीलंका जैसे पड़ोसी
राष्ट्र के साथ बांग्लादेश भी इन दोनो मामलों में हम से आगे
व बेहतर है
.
इसमें बच्चों के जीवित रहने की संभावना, सेहत व एजुकेशन जैसे पैमानों पर 157 राष्ट्रों का आकलन किया जाता है. इस रिपोर्ट में हिंदुस्तान को नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार व बांग्लादेश से भी नीचे 115वें जगह पर रखा गया है. 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर, 18 वर्ष की आयु तक स्कूली एजुकेशन व 15 वर्ष के किशोरों के 60 वर्ष तक बचने की आसार जैसे मानकों के आधार पर तैयार किया गया है.
शीर्ष पर 5 देश
1 सिंगापुर
2 दक्षिण कोरिया
3 जापान
4 हांग कांग
5 फिनलैंड
सबसे निचे 5 देश
1 चाड
2 दक्षिण सूडान
3 नाइजर
4 माली
5 लाइबेरिया
इंडेक्स में 157
राष्ट्रों को 5 श्रेणी में बांटा गया है
. हिंदुस्तान को बांग्लादेश, ब्राजील, अल्जीरिया, मिस्र, इंडोनेशिया
व नामीबिया जैसे
राष्ट्रों के साथ नीचे से दूसरी श्रेणी में रखा गया है
.अमेरिका, कनाडा, रूस, ऑस्ट्रेलिया
व ज्यादातर यूरोपीय
राष्ट्र सबसे ऊपर की कैटेगरी में हैं
. सबसे निचली रैंकिंग में पाकिस्तान, अफगानिस्तान
व अफ्रीकी
राष्ट्र हैं
. चीन, श्रीलंका, अर्जेंटीना, मेक्सिको , कोलंबिया सऊदी, ईरान, तुर्की आदि बीच की श्रेणी में हैं
.
15 वर्ष के किशोरों के 60 वर्ष की आयु तक जीवित रहने की आसार में
1 चीन – 0.67 प्रतिशत
2 ब्राजील – 0.56 प्रतिशत
3 बांग्लादेश – 0.48 प्रतिशत
4 हिंदुस्तान – 0.44 प्रतिशत
5 पाक – 0.39 प्रतिशत
5 वर्ष तक बचने की संभावना
1 चाइना – 99%
2 ब्राजील – 99%
3 बांग्लादेश – 97%
4 हिंदुस्तान – 96%
5 पाक – 93%
रिपोर्ट जारी करते हुए वर्ल्ड बैंक ग्रुप के प्रेसिडेंट जिम योंग किम ने कहा, तमाम राष्ट्रों को हमारे लोकप्रिय ईज ऑफ डूइंग बमीडिया से वार्ता में उन्होंने बोला कि वर्ल्ड बैंक की यह रैंकिंग विवादास्पद हो सकती है लेकिन लोगों में निवेश की आवश्यकता से कोई भी राष्ट्र मना नहीं कर सकता है. जबकि हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बोला कि इस सूचकांक में हिंदुस्तान को मिला जगह राष्ट्र में मानव पूंजी के विकास के लिए उठाए गए प्रमुख मुहिमों को नहीं दिखाता है.