लहसुन के दाम चार गुना ज्यादा बढ़ा, जानिए ये है वजह

पड़ोसी देश चाइना में कम फसल  हिंदुस्तान में आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण इस बार हिमाचल के किसानों को लहसुन के चोखे दाम मिल रहे हैं. बीते साल के मुकाबले इस बार लोकल लहसुन के दाम चार गुना ज्यादा बढ़ गए हैं.

साल 2018 में किसानों को 30 से 40 रुपये जबकि इस बार खेत में ही 120 रुपये किलो लहसुन बिक रहा है. देश की मंडियों में  इस समय 140 रुपये प्रतिकिलो दाम चल रहा है.

उत्साहित किसानों का बोलना है कि अगर केन्द्र सरकार उनकी मांग अनुरूप आयात शुल्क बढ़ाए तो उनको हर वर्ष फसल के ठीक दाम मिलेंगे. हिमाचली लहसुन को हर वर्ष चाइना के लहसुन से कड़ी मुक़ाबला मिलती रही है.

मार्केट में पहले आ जाता है चाइना का लहसुन

चीन का लहसुन बाजार में पहले आ जाता है. ऐसे में दाम गिर जाते हैं  उत्पादकों को नुकसान झेलना पड़ता है. इस बार चाइना के लहसुन की खेप देश की मंडियों में नहीं आ रही है. मांग के अनुरूप लहसुन कम होने की वजह से दामों में भारी उछाल आया है.
आंध्रप्रदेश की वडकापट्टी मंडी के आढ़ती वासुदेवन ने बताया कि इन दिनों अच्छी गुणवत्ता का लहसुन 140 रुपये में बिक रहा है. इस बार लहसुन की कम पैदावार हुई है. मध्य प्रदेश में भी नाममात्र फसल है.
नाकोडा एग्रो एक्सपोर्ट मध्यप्रदेश के रवि जैन ने बताया कि हिमाचल के किसान कीटनाशक और रसायनिक खादों का कम इस्तेमाल करते हैं, इसलिए इसकी गुणवत्ता अन्य राज्यों से अधिक है. बंपर पैदावार होने पर हिमाचल में 57 हजार मीट्रिक टन से अधिक लहसुन होता है.

सिरमौर में 1960 हेक्टेयर धरती पर लहसुन की खेती होती है. दूसरे जगह पर कुल्लू जिला में 1200 हेक्टेयर में लहसुन होता है. सोलन में 156, मंडी में 458, शिमला में 48, किन्नौर में 12  कांगड़ा में करीब 395 हेक्टेयर धरती में लहसुन बीजा जाता है.