लखनऊ मेल में मिली बिना टिकट के नवीं की छात्रा, सच जानकर हैरान हो गए अधिकारी

उत्तर-प्रदेश के गाजियाबाद के वसुंधरा की रहने वाली नवीं की छात्रा को मां की डांट इतनी नागंवार गुजरी कि गुस्से में घर छोड़ दिया. लखनऊ मेल में टीटीई ने चेकिंग में बिना टिकट मिलने पर छात्रा को आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया,जहां से उसे चाइल्ड लाइन भेजा गया.

दो दिन चाइल्ड लाइन को भ्रमित करने के बाद जब सच सामने आई तो चाइल्ड लाइन सीडब्लूसी भी हैरत में पड़ गई. जाँच में सीडब्लूसी की साइड मददगार निकली, छात्रा का फोटो वायरल हुआ तो गाजियाबाद सीडब्लूसी से सम्पर्क करने के बाद बच्ची के परिजनों का पता चला. जिसमें बुधवार को साफ्टवेयर इंजीनियर पिता के आने पर सीडब्लूसी ने बच्ची  उसके पास से मिले एक लाख पांच हजार रुपए भी उनके हवाले के दिए.

चाइल्ड लाइन  सीडब्लूसी के सामने प्रतिदिन परिजनों से नाराज होकर तमाम बच्चे आते हैं लेकिन सोमवार की रात दिल्ली से लखनऊ जाने वाली लखनऊ मेल में एक तेरह चौदह वर्षकी लड़की टीटीई को बिना टिकट सफर करती मिली जिसको उन्होंने मुरादाबाद में आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया. आरपीएफ ने भी डयूटी की औपचारिकता करते हुए चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया. पूछताछ में लड़की ने मां बाप  के मरने की बात कही साथ ही आंटी द्वारा पाले जाने की बात कही.

परिजनों का पता लगाने को टीम लगी, इसी बीच सीडब्लूसी ग्रुप पर जब बच्ची का फोटो वायरल हुआ तो गाजियाबाद सीडब्लूसी से सम्पर्क कर परिजनों तक पहुंचा गया. पता चला कि नवीं  क्लास में पढ़ने वाली छात्रा कोई छोटी घर की नहीं बल्कि गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाले साफ्टवेयर इंजीनियर की इकलौती बेटी है. पता चलने पर जब लड़की के सामान की तालाशी ली तो काउंसलिंग मेम्बर दंग रह गया. लड़की के पाकेट में एक लाख पांच हजार रुपए निकले. जब लड़की से फिर बात की तो बोली मां बार बार पढ़ाई के लिए टोकाटाकी करती थी इसलिए मैं घर से भाग आई  घर पर रखे रुपए भी ले आई. मंगलवार रात परिजनों से बच्ची की तसदीक होने के बाद बुधवार को माता पिता पहुंच गए, जहां सीडब्लूसी के अध्यक्ष गुलजार अहमद, मेम्बर मिंदर सिंह, नीतू सक्सेना, डा जीके उपाध्याय  बिसेंट ने घर से भागकर आई छात्रा  उसके पास से मिली रकम को परिजनों को सौंप देकर रवाना किया.

सीडब्लूसी ग्रुप पर फोटो वायरल होने से मिली मदद    
न्यायपीठ का बोलना है कि यह तो गनीमत रही  कि बच्ची का फोटो सीडब्लूसी की साइड पर ट्रेस हो गया, नहीं तो जितनी रकम बच्ची के पास थी, किसी को भनक लगती तो कुछ भी होने कि सम्भावना था ।