लखनऊ मंडल की बैठक में यह निर्देश जारी, मायावती के बराबर बसपा का कोई प्रत्याशी नेता नहीं लगा सकेंगा फोटो

लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं और जनता को लुभाने की कोशिशों में लग गए हैं. जनता को लुभाने के अलावा सभी दल अपने कार्यकर्ताओं को जनता के पास जाने को कह रहे हैं और उनके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकने जा रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने फरमान जारी कर कहा है कि बसपा का कोई भी प्रत्याशी या नेता होर्डिंग या बैनर में पार्टी सुप्रीमो मायावती के बराबर फोटो नहीं लगा सकेगा.

बहुजन समाज पार्टी की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि बसपा के किसी भी प्रत्याशी या नेता को अब होर्डिंग लगाने से पहले उसे बसपा प्रभारियों से पास भी कराना होगा. बसपा एमएलसी और नवनियुक्त मंडल-जोन इंचार्ज भीमराव अंबेडकर ने संगठन की लखनऊ मंडल की बैठक में यह निर्देश जारी किया. पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर मंगलवार को इसी तरह की बैठक प्रदेश प्रदेश के सभी मंडलों में नवनियुक्त मंडल-जोन इंचार्जों की मौजूदगी में हुई.

दरअसल, पार्टी के पुराने नेताओं को तो बसपा की रीति-नीति, होर्डिंग-बैनर लगाने का तौर-तरीका पता है, लेकिन चुनाव के मौके पर तमाम जगह समर्थक और पार्टी में आए नए नेता अपने हिसाब से होर्डिंग्स में महापुरुषों और बसपा अध्यक्ष के बराबर या उनसे भी बड़ी अपनी फोटो लगा देते हैं. इस बैठक में यह भी तय किया गया कि कोई भी नेता मायावती के सामने उनके बराबर में कोई भी फोटो नहीं लगा सकता. पार्टी सुप्रीमो मायावती के सामने पार्टी संस्थापक कांशीराम या फिर पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की तस्वीर ही लगाई जा सकती है.

पार्टी की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया कि बैनर-होर्डिंग्स के ऊपरी हिस्से पर महापुरुषों की फोटो लगेगी और नीचे की तरफ होर्डिंग्स लगवाने वाले की तस्वीर होगी. साथ ही इसके लिए होर्डिंग्स बनवाने वाले को पहले पार्टी से अनुमति लेनी होगी.

राज्य की राजनीति में फिर से अपनी वापसी की आस लगाए रखने वाली बहुजन समाज पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है और मायावती या फिर पार्टी के अन्य बड़े नेताओं के साथ बड़े होर्डिंग्स लगाए जाने को लेकर इसे अनुशासनहीनता की तरह माना है. राज्य की राजनीति में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग्स लगाए जाने का प्रचलन रहा है और कई क्षेत्रीय नेता इन होर्डिंग्स के सहारे खुद को पार्टी के शीर्ष नेताओं के करीबी होने का दावा करते हैं.

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ चुनावी तालमेल किया है और वह केंद्र तथा राज्य में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में जुटी है.