रेलवे का नकली एसपी हुआ गिरफ्तार, कर रहे थे फर्जीवाडा

रेलवे का एक नकली एसपी पकड़ा गया है। पकड़े गए नकली एसपी के ठाठ देखकर असली वाले भी हैरान रह गए। दोनों पिता-पुत्र मिलकर पूरा फर्जीवाड़े का धंधा चला रहे थे। अपनी गाड़ी पर आरोपियों ने भारत सरकार भी लिखा रखा था। इनकी ठाठ में वर्दीधारी ड्राइवर और गनर भी तैनात थे। दोनों उन्हें सैलरी भी देते थे।

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आरोपियों की गिरफ्तारी पंजाब के कपूरथला से हुई है। रेलवे में क्लर्क व रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स(आरपीएफ) में कांस्टेबल भर्ती करवाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठने का काम भी करते थे। सीआइए स्टाफ पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नाकाबंदी करके मस्जिद चौक के समीप भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, नकली पिस्टल, मोहरों समेत पिता-पुत्र को दबोचा है।

पुलिस की आंखें भी उस समय खुली रह गई, जब किराये की स्कार्पियो गाड़ी में एसपी की वर्दी पहनकर आरोपी दो गनमैन और ड्राइवर को भी वर्दी पहनाकर अफसरों वाले ठाठ-बाठ से आरपीएफ का दफ्तर चला रहा था। क्योंकि पुलिस ने तमाम दस्तावेज हरियाणा नंबर की गाड़ी से बरामद किया है। इसके ठाठ तो ऐसे कि इसने किराये की गाड़ी पर ही भारत सरकार लिखवाया हुआ था।

प्रेस कांफ्रेंस में एसपी जांच सतनाम सिंह बैंस और सीआईए स्टाफ इंचार्ज इंस्पेक्टर सुरिंदर चांद ने बताया कि सीआईए स्टाफ के एएसआई नवीन कुमार ने जालंधर बाईपास पर पीर बाबा झोटे शाह के समीप तैनात थे। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि सुरजीत सिंह माहला और उसका पिता महल सिंह निवासी गांव सोडेवाला फिरोजपुर मौजूदा निवासी मकान नं.14 गोल्डन इन्कलेव हिरास बेरोजगार युवकों को रेलवे में क्लर्क और आरपीएफ में कांस्टेबल भर्ती करवाने का झांसा देकर ठगी मारने का धंधा करते हैँ।

सुरजीत सिंह तो खुद को आरपीएफ का एसपी बताता है और बाकयदा वर्दी पहनकर दो गनमैन केवल सिंह, बलदेव सिंह निवासी मोगा और ड्राइवर स्वर्ण सिंह के साथ अफसरों वाले ठाठ-बाठ रखता है। इस समय यह हरियाणा नंबर वाली स्कार्पियो गाड़ी नं. एचआर-21सी-8995 पर सवार होकर रेल कोच फैक्टरी की तरफ जा रहे हैं। इस पर उन्होंने तुरंत मस्जिद चौक में नाकाबंदी करके आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जब गाड़ी की तलाशी ली तो पुलिस को पूरा आरपीएफ का दफ्तर नजर आया।

गाड़ी में मिले दस्तावेज

पुलिस ने गाड़ी की डैश बोर्ड से एक प्लास्टिक के डिब्बे में तीन मोहरे सुरजीत सिंह आरआरबी-एसएस लिखा और दो अन्य हस्ताक्षर वाली मोहरें, नकली एयर पिस्टल, एडीसी फिरोजपुर की संस्तुति वाला लाइसेंस, आईडी कार्ड, दो वॉकी-टॉकी, आजाद रंग मंच कला भवन फगवाड़ा के 14 खाली प्रशंसा पत्र, सुरजीत सिंह के हस्ताक्षर वाले 15 खाली फार्म रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड मुंबई, 17 आईकार्ड, 25 आवेदनकर्ताओं के असली सर्टिफिकेट, अलग-अलग लोगों के 22 आईडी कार्ड, रेलवे रिक्रूटमेंट के भरे हुए 12 फार्म और दोनों गनमैन व ड्राइवर की हाजरी लगाने वाला अटेंडेंस रजिस्टर और भारत सरकार लिखी किराये की स्कार्पियो गाड़ी बरामद की है।

30 लोगों से इकट्ठे किए 30 लाख
एसपी जांच सतनाम सिंह ने बताया कि नकली एसपी अपने पिता के साथ करीब एक माह पहले यहां आया है और अभी कपूरथला में जाल बिछाना था कि इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ में इसने माना कि उसने तरनतारन, जीरा, मोगा और फिरोजपुर के 30 लोगों को क्लर्क और सिपाही भर्ती करवाने के नाम पर 30 लाख रुपये की रकम ली है। इनके खिलाफ थाना सिटी में धोखाधड़ी, सरकारी अधिकारी के नाम का इस्तेमाल करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।

दोनों गनमैन और ड्राइवर को एक माह वेतन भी दिया-नकली एसपी सुरजीत सिंह 2014 से रैकेट चला रहा है। उसने 2014 में लांडरां से बीटेक करने के बाद यह धंधा अपनाया। जब भी उसे कहीं जाना होता था तो वह अपनी भारत सरकार लिखी किराये की स्कार्पियो बुलाकर दोनों गनमैन और ड्राइवर को साथ लेकर पूरे ठाठ के साथ जाता था। वेटरनरी फार्मासिस्ट फिरोजपुर से रिटायर होने के बाद इसका पिता महल सिंह युवाओं को फंसाकर लाता था। अपने ठाठ-बाठ को बरकार रखने के लिए उसने बाकायदा एक माह 26,900 रुपये के हिसाब से गनमैन और ड्राइवर को सेलरी भी दी।

बीटेक एसपी पर बठिंडा, फिरोजपुर और महलकलां में रेलवे में भर्ती करवाने के नाम पर धोखाधड़ी और अमृतसर में दहेज उत्पीड़न और उसके पिता महल सिंह पर फिरोजपुर में दो धोखाधड़ी और अमृतसर में, कोट इस्से खां और अमृतसर में दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज है।