राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बोला

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बोला है कि दिव्यांगों को करुणा  की नहीं बल्कि आत्मीयतापूर्ण अपनत्व एवं योगदान की जरूरत है तथा हम अपनत्व की संवेदना से अपने सेवाकार्य को सर्वव्यापी करें, यही सच्ची सेवा है उन्होंने बोला कि दिव्यांगों की सेवा का काम बहुत मुश्किल है  वे हमारे मध्य आज से नहीं हैं, वे सदैव से समाज में रहे है   बस संवेदनहीनता के कारण इस एरिया में सेवा काम के लिये कोशिश कम हो गए थे भागवत जयपुर के जामडोली में सक्षम के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन प्रोग्रामको सम्बोधित कर रहे थे   उन्होंने बोला कि दिव्यांगों को करूणा की जरूरत नहीं है, उन्हें जरूरत है आत्मीयतापूर्ण अपनत्व एवं योगदान की

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हम अपनत्व की संवेदना से अपने सेवा काम को सर्वव्यापी करें, यही सच्ची सेवा है भागवत ने बोला कि समाज में पुनरूत्थान का दौर चल रहा है   दिव्यांगता के सभी क्षेत्रों में अखिल इंडियन स्तर पर प्रयासों की जरूरत थी   सक्षम ने मात्र 10 वर्षो के प्रयासों से सम्पूर्ण हिंदुस्तान में यह व्यवस्था खडी कर ली, इसके लिये सभी कार्यकर्ता साधुवाद के पात्र हैं उन्होंने बोलाकि इस एरिया में सेवा दे रहे कार्यकर्ताओं को कर्मशील  चिंतनशील रहकर योगदान करते हुए दिव्यांगों को समाज के सामान्य वर्ग के बराबर लाना होगा

इस मौका पर केन्द्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने केन्द्र गवर्नमेंट द्वारा दिव्यांगता के एरिया में किये गए कार्यो एवं उपलब्धियों की जानकारी दी दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्र के 42 प्रांतों के लगभग 1500 सक्षम कार्यकर्ताओं ने भाग लिया   इनमें करीब 600 दिव्यांगजन थे

इस मौका पर राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ अरूण चतुर्वेदी ने दिव्यांगता के एरिया में प्रदेश गवर्नमेंट के कार्यो का उल्लेख करते हुए बताया कि दिव्यांगों का यूनिक आईडी बनाने में राजस्थान देशभर में प्रथम हैं इस मौके पर सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाल सिंह पंवार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे