पश्चिम बंगाल में बीजेपी (भाजपा) व तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के बीच मुक़ाबला में समाज का तेजी से ध्रुवीकरण हुआ है. आलम यह है सुंदरबन इलाके में जंगलों की देवी कही जाने वाली बोनबीबी भी इस ध्रुवीकरण के अजेंडे के दायरे में आता हैं. देवी बोनबीबी को हिंदू व मुसलमान दोनों पूजते रहे हैं, किन्तु इन दिनों बोनबीबी को एक तरह से हिंदू देवी बताने का ही कोशिश किया जा रहा है.
चुनावों के दौरान कई स्थानों पर बीजेपी नेताओं ने कुछ लोकल पुजारियों की सहायता से बोनबीबी की बोनदेबी के नाम से पूजा की व उनके विषय में बयान दिए. जंगल की देवी कही जाने वाली बोनबीबी को बोनदेबी बोलना पूरी तरह से उनकी अंतर्सामुदायिक छवि के उलट है. उल्लेखनीय है कि हिंदू ही नहीं बल्कि मुसलमानों की भी समान रूप से बोनबीबी में आस्था रखते हैं.
मुस्लिम वोटरों का बोलना है कि बोनबीबी को लेकर इस प्रॉपेगेंडा से वे आहत हैं व उन्होंने खुद को उनकी पूजा से अलग करना शुरुआत कर दिया है. इस पर सुंदरबन में बीजेपी नेता वलोकल पंचायत मेम्बर पारितोष मंडल कहते हैं कि, ‘मुस्लिम कभी बोनबीबी की पूजा नहीं करते हैं. इस परंपरा को हिंदुओं ने ही जीवित रखा हुआ है व हिन्दू ही नियमित देवी की पूजा करते रहे हैं. इसलिए हम उन्हें बोनबीबी के जगह पर बोनदेबी नाम से संबोधित करते हैं. अब ग्रामीण उन्हें इसी नाम से बोलते हैं.‘