यूपी के मिर्जापुर में रेड शौचालय में छिपाया पैसा

यूपी के मिर्जापुर में रेड फिल्म की तरह का किस्सा दोहराया गया। रिश्वत लेने की शिकायत पर जब एंटी करप्शन की टीम आरोपी के घर पहुंची तो परिवार को लोगों ने अपना पैसा शौचालय में छिपा दिया। पूरी रात ये टीम शौचालय और घर के बाकी हिस्सों से पैसा और सोना खोजती रही। शौचालय को भी तुड़वा दिया गया, लेकिन पैसा बरामद नहीं हुआ। यह मामला कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय (ईएसआई) के लिपिक विजयानंद तिवारी के खिलाफ रिश्वत लेने का था। टीम आरोपी को अपने साथ ले गई।

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जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर कोतवाली देहात क्षेत्र के चीतपुर गांव का है। रामनर सिंह सरकारी कर्मचारी है। उसने बीमार चल रही अपनी पत्नी का इलाज सरकारी एवं निजी अस्पताल में कराया था। इलाज में करीब 86 हजार रुपये खर्च हुए थे। जिसके भुगतान के लिए उसने अस्पताल का सारा बिल अपने विभाग में लगाया था। जिसकी फाइल टीबी अस्पताल परिसर में स्थित राजकीय स्वास्थ्य बीमा निगम में आई थी। इसकी जानकारी होने पर वह फाइल को पास कर उच्चाधिकारियों के यहां भेजने के लिए बार बार विभाग में चक्कर लगा रहा था, लेकिन उसकी फाइल आगे नहीं बढ़ाई जा रही थी।

राम सिंह का आरोप है कि वहां तैनात लिपिक विजयानंद तिवारी ने उससे फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। रामसिंह ने पैसे देने में असमर्थता जताई और फाइल को पास करने की गुहार लगाई, लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद रामसिंह ने एंटी करप्शन लखनऊ से संपर्क कर मामले की शिकायत की। उसकी शिकायत पर एंटी करफ्शन लखनऊ की टीम ने आरोपी विजयानंद तिवारी को रंगेहाथ गिरफ्तार करने के लिए क्षेत्राधिकारी आर्यन सिसोदिया के नेतृत्व में मंगलवार को एक टीम मिर्जापुर भेजी।

एंटी करप्शन की टीम लिपिक विजयानंद के भरूहना स्थित विंध्यवासिनी कालोनी पहुंची। बता दें कि रामसिंह ने जैसे ही विजयानंद के रिश्वत के सात हजार रुपया हाथ में दिया वैसे ही टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान एंटी करप्शन टीम को पता चलाने पर रुपया कर्मचारी के बेटे ने शौचालय में फेंक दिया। रिश्वत की रकम बरामद करने के लिए देर रात तक टीम ने शौचालय व सीवर की खुदाई कराई पर रुपया बरामद नहीं हुआ। रात भर पुलिस कर्मचारी के घर को खंगालने के बाद सुबह 7 बजे उसको लेकर टीबी अस्पताल परिसर स्थित कार्यालय में पहुंची। यहां से जांच पड़ताल करने के बाद कर्मचारी और पत्रावली को साथ लेकर लखनऊ लौट गई। टीम के सदस्यों ने बताया कि वह लखनऊ में जांच पड़ताल के बाद मामले का खुलासा करेंगे।