यूनिवर्सिटी के चपरासी ने पास की पीएचडी एंट्रेंस की परीक्षा, हर कोई दे रहा सफलता की बधाई

वीर नर्मद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर आफिस में चपरासी का काम करने वाले एक शख्स ने पीएचडी एंट्रेंस की परीक्षा पास कर ली है। 34 वर्षीय अरुण वल्वी गुजराती विषय से ये टेस्ट परीक्षा पास की हैं। दक्षिणी गुजरात के आदिवासी बहुल क्षेत्र में ऐसा करने वाले अरुण पहले व्यक्ति हैं।


हर कोई उनकी इस सफलता पर उनको और उनके परिजनों को बधाई दे रहा है। अरुण शादीशुदा हैं। उनकी पत्नी गुजरात पुलिस में कांस्टेबल हैं। दोनों की एक साल की बेटी भी है।

अरुण कहते हैं कि, दुनिया की इस भागदौड़ में मैंन अपना लक्ष्य तय कर रखा था। विपरीत परिस्थितियों में भी मैं इससे नहीं डिगा। चपरासी की नौकरी लगी, इसके बाद शादी हुई। जिम्मेदारियां बढ़ती गई, लेकिन सबकुछ करते हुए मुझे पढ़ाई भी करनी थी जिसके लिए मैं समय निकालता और मन लगाकर पड़ता। आज मैं अपने सपने को पूरा करने के रास्ते पर बढ़ रहा हूं। हां मैं एक दिन खुद को किसी विश्विद्यालय के प्रोफेसर के तौर पर देखना चाहता हूं।

तापी जिले में सोनगढ़ तालुका के भिलजमोली गांव के रहने वाले अरुण ने बीए और एमए फर्स्ट क्लास में पास की है। उनके पिता शिक्षित नहीं हैं। वे गांव में किसानी करते हैं। अरुण ने अपनी पढ़ाई और घर के खर्च के लिए मजदूरी और पेट्रोल पंप पर भी काम भी किया है।

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसारअरुण बताते हैं कि मेरे पिता के पास जमीन कम थी। खेती की कमाई पेट पालने तक सीमित थी। ऐसे में मेरी पढ़ाई का खर्च उठाने उनके लिए नामुमकिन था। जब मैंने पीएचडी एंट्रेन्स में बैठने की बात की, तो कई लोगों ने मुझे क्रिटिसाइज किया। कहा, मेरी गुजराती ठीक नहीं है। लेकिन, मुझे जो करना था मैंने किया। इसकी मुझे खुशी है।