2000 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने के 19 वर्ष बाद भारतीय क्रिकेट इतिहास के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक युवराज सिंह ने संन्यास ले लिया. सोमवार को मुंबई में उनके रिटायरमेंट का एलान होते ही पूरा सोशल मीडिया सदमे में चला गया.
‘हिटमैन’ ने साथ ही इशारों-इशारों में बीसीसीआई व टीम मैनेजमेंट को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. रोहित ने लिखा, ‘जब आपके पास वो वस्तु नहीं रहती, तभी आपको उसकी कमी का अहसास होता है. बहुत सारा प्यार मेरे भाई. आप एक बेहतर विदाई के हकदार थे.‘
युवराज ने भी उनके ट्वीट के जवाब में कहा, ‘तुम जानते हो मैं अंदर से कैसा महसूस कर रहा हूं. बहुत सारा प्यार मेरे भाईवर्ल्ड कप में लेजेंड बनो.‘
अपने संन्यास के बारे में बताते हुए युवराज ने खुलासा किया कि बीसीसीआई ने उनसे वादा किया था कि अगर वह यो-यो फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो उन्हें विदाई मैच दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यो-यो टेस्ट पास कर लिया व विदाई मैच कभी नहीं हुआ.
बता दें कि युवराज व रोहित शर्मा बेहद अच्छे दोस्त हैं. इस बार जब IPL में किसी टीम ने उन्हें नहीं खरीदा तब रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई ने उन्हें अपने दल में शामिल किया था. हालांकि यहां भी उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले.
युवराज सिंह ने भारतीय टीम के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे व 58 टी-20 मैच खेले. जिसमें उन्होंने टेस्ट में 1900 रन तो, वनडे में 8701 रन बनाए. वैसे युवी अकेले नहीं हैं. वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण व गौतम गंभीर जैसे भारतीय दिग्गजों को भी अच्छी विदाई नहीं मिल सकी.