मोदी सरकार के फैसले का असर नहीं

जयपुर। मोदी सरकार द्वारा फसलों की अच्छी कीमत देने के वादे के बावजूद किसान कम कीमत पर अपनी फसलों को बेचने को मजबूर हैं। सरकार ने कई फसलों की एमएसपी को 50 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया था जिसके बाद माना जा रहा था कि किसानों की हालत में सुधार होगी। लेकिन राजस्थान में आज भी किसानों को एमएसपी के मुताबिक फसलों की कीमत नहीं मिल पा रही है।

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राजस्थान में किसानों को मूंग और हरा चना 4200 रुपये प्रति क्विंटल बेचना पड़ रहा है। जबकि इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी 6975 रुपये है। यानी अजमेर के किसानों को एमएसपी से करीब 40 फीसदी कम दाम में फसलों को बेचना पड़ा है। वहीं, मूंगदाल तो पिछले साल के एमएसपी (5,575 रु प्रति क्विंटल) से भी कम पर बिके हैं। इसके लिए प्रति क्विंटल उत्पादन लागत 4,650 रही। वहीं, मंदसौर में भी किसानों को उनकी फसल की कीमत तय दामों के मुताबिक नहीं मिल पा रही है। उड़द और चना 3510 प्रति क्विंटल बेचे गए जबकि प्रति क्विंटल एमएसपी 5600 रुपये थी।

मोदी सरकार ने 50% रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए इस साल जुलाई में एमएसपी को बढ़ाया था और इसके लिए PM-AASHA नाम की नई खरीद प्रणाली का पालन किया था। फिर भी कई राज्यों में किसानों को सोयाबीन और मूंग-उड़द जैसी दालों को एमएसपी से भी कम दाम में बेचना पड़ रहा है। इस साल रिकॉर्ड फसल होने के बाद भी किसानों को एमएसपी से कम कीमत मिल रही है।