मोदी सरकार किसानो के लिए करने जा रही है ये बड़ा ऐलान, जानिए अब ऐसे सरल होगी कृषकों की जिंदगी

किसानों पर फोकस कर रही नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान फसलों (खाद्यान्‍न) का उत्पादन बढ़ रहा है कृषि वैज्ञानिकों का बोलना है कि यह हिंदुस्तान में खेती बाड़ी  किसानों की तरक्की के लिए शुभ इशारा हैं

भले ही किसानों के मोर्चे पर विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रहा हो लेकिन बढ़ रहा उत्पादन अपने आप बता रहा है कि खेती के दिन बेकार नहीं हैं सरकार सभी किसानों को सालाना 6000 रुपये दे रही है, इससे छोटे कृषकों की जिंदगी  सरल होने वाली है

कृषि, सहकारिता तथा किसान कल्‍याण मंत्रालय के मुताबिक 2018-19 के लिए किए गए अनुमान के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन 283.37 मिलियन टन होने की आसारहै जो पिछले पांच वर्ष (2013-14 से 2017-18) के औसत खाद्यान्‍न उत्‍पादन की तुलना में 17.62 मिलियन टन अधिक है गेहूं, चावल, गन्ना, दलहन  तिलहन सभी के उत्पादन में वृद्धि का अनुमान लगाया गया है हालांकि, पौष्टिक अनाजों के उत्पादन की गति थोड़ी धीमी है ()

अच्छे बीजठीक खाद, सरकारी सपोर्ट  तकनीक

कृषि वैज्ञानिक प्रो साकेत कुशवाहा ने कहा, फसल का उत्पादन बढ़ना खेती  किसानों दोनों के लिए अच्छा इशारा माना जा सकता है उत्पादन बढ़ने की कुछ वजहें होती हैं जैसे खेती का एरिया बढ़ना, मौसम अनुकूल रहना, अच्छे बीज, ठीक खाद  मिलना, सरकारी सपोर्ट  तकनीक खेती का एरिया छोटी ही ठीक लेकिन पहले से बढ़ रहा है मौसम किसानों के अनुकूल नहीं रहा है इसकी दूसरी बड़ी वजह तकनीकी विकास है खेती में अब तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है इसलिए यह परिणाम आ रहा है

कुशवाहा कहते हैं, अच्छे बीज मिल रहे हैं, बीज लगाने से पहले किसान नीम कोटिंग  उसका शोधीकरण कर रहे हैं मशीनों से बीज लगाने के ढंग बदले हैं स्वायल टेस्टिंग से खाद आवश्यकता के मुताबिक ही लग रही है इसलिए उत्पादन बढ़ रहा है अन्यथा पहले हमारे अधिकतर किसान बिना सोचे-समझे खाद डालते थे पारंपरिक बुआई में बीज अधिक लगता था, पैदावार कम होती थी ज्यादा बीज सड़ जाते थे ये सब बदला है इसलिए उत्पादन बढ़ा है

तो होने कि सम्भावना है क्रांतिकारी परिवर्तन   

हालांकि, उनका ये भी मानना है कि इससे ये साबित नहीं हो जाता कि किसानों की आय बढ़ गई अगर उत्पादन बढ़ने से उनकी आय बढ़ी है तो लागत भी बढ़ी है कुल मिलाकर किसान का शुद्ध मुनाफा स्थिर है हमारे देश में क्रॉपिंग इंटेंसिटी (फसल पैदा करने की क्षमता) कुछ विकसित राष्ट्रों से आधी है वो एक वर्ष में तकनीक से तीन फसलें उगाते हैं  हमारा किसान औसतन डेढ़ अगर हम ये तीन फसल तक ले जा पाते हैं तो क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा

चावल उत्पादन 
चावल का कुल उत्‍पादन 2018-19 के दौरान रिकार्ड 115.63 मिलियन टन अनुमानित है 2017-18  में यह 112.76 मिलियन टन था यानी 2.87 मिलियन टन की वृद्धि हुईपिछले पांच वर्ष के औसत उत्‍पादन 107.80 मिलियन टन की तुलना में भी 7.83 मिलियन टन अधिक है

कितना पैदा होगा गेहूं 
गेहूं का उत्‍पादन 101.20 मिलियन टन अनुमानित है जो 2017-18 के दौरान 99.87 मिलियन टन था यानी इस बार 1.33 मिलियन टन पैदावार बढ़ने वाली है गेहूं का औसत प्रोडक्शन पिछले पांच वर्ष में 94.61 मिलियन टन रहा है उससे तुलना की जाए तो इस समय इसकी पैदावार 6.59 मिलियन टन अधिक है

दालों का प्रोडक्शन 
इस वर्ष दलहन का कुल उत्‍पादन 23.22 मिलियन टन अनुमानित है जो पिछले पांच वर्ष के औसत उत्‍पादन 20.26  मिलियन टन की तुलना में 2.96 मिलियन टन अधिक है

तिलहन उत्पादन 
2018-19 के दौरान देश में तिलहन का कुल उत्‍पादन 31.42 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है पिछले पांच वर्ष के औसत तिलहन उत्‍पादन की तुलना में यह 1.77 मिलियन टन अधिक है

पौष्टिक अन्न 
इस वर्ष पौष्टिक/मोटे अनाजों का उत्‍पादन 43.33 मिलियन टन अनुमानित है जो इसके पांच वर्ष के औसत उत्‍पादन की तुलना में 0.24 मिलियन टन अधिक है

गन्ना उत्पादन  
इस वर्ष देश में गन्ने का भी बंपर उत्पादन होगा करीब 400.37 मिलियन टन का अनुमान है जो 2017-18 की तुलना में 20.46 मिलियन टन अधिक है पिछले पांच वर्ष में इसका औसत प्रोडक्शन 349.78 मिलियन टन रहा है उसकी तुलना में इस बार 50.59 मिलियन टन अधिक है

हमने खेती-किसानी के लिए सकारात्मक माहौल बनायाबीजेपी
विपक्ष आरोप लगाता रहता है कि किसानों की स्थिति बेकार है लेकिन, इन आंकड़ों के आधार पर भाजपा प्रवक्ता राजीव जेटली अब विपक्ष को ही घेर रहे हैं उनका बोलना है कि कांग्रेस पार्टी के वक्त किसानों की दुर्दशा थी हमने तो अन्नदाताओं की सहायता करके उन्हें उबार लिया है लोग खेती-किसान छोड़ रहे होते तो क्या उत्पादन बढ़ जाता? जाहिर है कि खेती के लिए हमारी सरकार ने बहुत ज्यादा सकारात्मक माहौल बनाया है हमने लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया है अब हर किसान को हम सालाना 6000 रुपये दे रहे हैं, इससे खेती की हालात  सुधरेगी