मोदी राज में कारोबार करना हुआ आसान

विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत ने पिछले साल के मुकाबले 23 पायदान की ऊंची छलांग लगाई है। इस रैंकिंग में भारत अब 77वें स्थान पर पहुंच गया है। विश्व बैंक की यह रैंकिंग बुधवार को जारी की गई। माना जा रहा है कि इससे भारत को अधिक विदेशी निवेश आर्किषत करने में मदद मिलेगी।Image result for मोदी राज में कारोबार करना हुआ आसान

बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या से निजात दिलाने के लिये शुरू की गई दिवाला निपटान प्रक्रिया, जीएसटी जैसे कर क्षेत्र के सुधार और अर्थव्यवस्था के कुछ अन्य क्षेत्रों में सुधार से भारत कारोबार सुगमता के क्षेत्र में अपनी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार कर पाया है।

पिछले साल विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 100वें स्थान पर पहुंचा था। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब भारत कारोबार सुगमता के मामले में 190देशों की सूची में 142वें स्थान पर था। चार साल में भारत ने 65 पायदान की छलांग लगाई है। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए नई रैंकिंग राहत दिलाने वाली है। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले सरकार को विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

विश्व बैंक की कारोबार सुगमता पर 2019 की वाॢषक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कारोबार शुरू करने और उसमें सुगमता से संबंधित दस मानदंडों में से छह में भारत की स्थिति सुधरी है। इनमें कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली की सुविधा प्राप्त करना, कर्ज प्राप्त करना, करों का भुगतान, सीमापार व्यापार, अनुबंधों को लागू करना और दिवाला प्रक्रिया जैसे उपाय शामिल है। कारोबार सुगमता रैंकिंग में न्यूजीलैंड शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, डेनमार्क और हांगकांग का नंबर आता है। सूची में अमेरिका आठवें, चीन 46वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है।

विश्व बैंक ने इस मामले में सबसे अधिक सुधार करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत को दसवें स्थान पर रखा है। विश्व बैंक ने कहा है कि दुनिया की दो सबसे अधिक आबादी वाली अर्थव्यवस्थाओं चीन और भारत ने काफी प्रभावशाली सुधार एजेंडा आगे बढ़ाया है। इसके अलावा भारत अपनी कारोबारी प्रक्रियाओं में तालमेल पर भी ध्यान दे रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कारोबार शुरू करने के लिए कई तरह के आवेदन पत्रों को एकीकृत किया गया है। भारत ने मूल्य र्विधत कर (वैट) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से बदला है जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया तेज हुई है।

विश्व बैक ने कहा कि इसके साथ ही भारत ने कई अप्रत्यक्ष करो को एक अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में समाहित कर दिया है। पूरे देश में यही कर लागू है। इसके अलावा भारत ने करों के भुगतान की लागत को भी कम किया है। कंपनी आयकर की दर को कम किया गया है। नियोक्ता द्वारा भुगतान किए जाने वाले कर्मचारी भविष्य निधि कोष योजना की दर भी कम की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दिवाला प्रक्रिया के लिए एक बेहतर तरीके से ढांचा बनाया गया है। ऋण वसूली न्यायाधिकरणों से गैर निष्पादित आस्तियां 28 प्रतिशत कम हुई हैं। बड़े कर्जों पर ब्याज दर कम की गई है। इससे पता चलता है कि ऋण वसूली के मामलों के तेजी से निपटान से कर्ज की लागत घटती है।

इसके अलावा भारत ने विभिन्न तरह के कदमों के जरिये निर्यात और आयात की लागत और इसमें लगने वाले समय को भी कम किया है। विश्व बैंक ने कहा कि भारत ने भवन के लिए परमिट की प्रक्रिया को तर्कसंगत किया है और इसे तेज तथा कम खर्चीला बनाया है। नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि भारत ने कारोबार सुगमता रैंकिंग में 23 पायदान की छलांग लगाई है।

भारत एक बड़ा देश है इस लिहाज से यह एक बड़ी उपलब्धि है। पिछले साल भारत की कारोबार सुगमता रैंकिंग में 30 स्थान का सुधार आया था। बयान में कहा गया है कि भारत ने पिछले दो साल में अपनी रैंकिंग में 53 पायदान का सुधार किया है। 2014 के बाद से चार साल में भारत की स्थिति 65 स्थान सुधरी है।