मुंह में छाले की समस्या से यदि आप भी है परेशान तो भूल से भी इसे न करे नज़रअंदाज़

मुंह में बार-बार छाले (माउथ अल्सर) हो रहे हैं तो सतर्क रहने की आवश्यकता है. ये कैंसरस और नॉन कैंसरस होते हैं. नॉन कैंसरस अल्सर आनुवांशिक रूप से होते हैं जो मुंह की अंदरूनी नरम परत (म्यूकस) को नुकसान पहुंचने से होते हैं. ऐसे में ज्यादा गरम और मसालेदार भोजन, शराब, तंबाकू की लत से म्यूकस में छोटे घाव बनने लगते हैं. जानें इसके अन्य कारण-

बीमारी के कारण
पेट साफ न होना, लंबे समय तक कब्ज, म्यूकस पर बार-बार टेढ़े-मेढ़े दांतों से चोट लगना. किसी प्रकार की दवा के संक्रमण से भी घाव बन जाता है. शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी और इम्यूनिटी निर्बल होना भी मुंह में छालों की बड़ी वजह है. कई बार नींद पूरी न होने से बेकार हुई पाचनक्रिया भी इस रोग को बढ़ाती है. सिगरेट, बीड़ी, शराब पीने  तंबाकू चबाने वालों में ये छाले बार-बार  गंभीर अवस्था लेकर उभरते हैं. इनके कैंसरस बनने की संभावना अधिक होती है. इसके अतिरिक्त मधुमेह रोगियों में भी माउथ अल्सर होने कि सम्भावना है.

इलाज – एैलाेपैथी
दर्द को कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं. लेकिन दर्द कम न हो तो विशेषज्ञ को दिखाना महत्वपूर्ण है. ताकि वे कारण का पता लगा सकें. इसके अतिरिक्त घाव बनने की स्थिति में क्रीम या लोशन लगाने की सलाह देते हैं.

होम्योपैथी
मुंह के छालों के लिए बोरेक्स, मर्कसोल, हीपरसल्फ, नाइट्रिक एसिड, ल्यूकेरिया, सल्फर युक्त कुछ प्रमुख दवाएं कारण जानने के बाद दी जाती हैं. म्यूकस  इसके आसपास के भाग को हुए नुकसान को अच्छा करने के लिए नाइट्रिक एसिड दवा दी जाती है.

आयुर्वेद
त्रिफला, चमेली का पत्ते  मुनक्का को शहद के साथ बनाकर लेने से फायदा होता है. चमेली, आम, जामुन के पत्ते चबाने से छाले समाप्त होते हैं. शुद्ध टंकण  शुभ्रा भस्म को एक गिलास पानी में मिलकार गरारा करने से भी राहत मिल सकती है.

सावधानी बरतें
– शरीर में फॉलिक एसिड, आयरन, विटामिन-बी12 की कमी न होने दें.
– खाना खाने के बाद मुंह साफ करें, सोने से पहले ब्रश करें.
– बहुत अधिक गरम या मसालेदार भोजन न करें.
– खट्टा खाना खाने से हर समय परहेज करें
– शरीर में पानी की कमी न होने दें. इसके लिए नींबू पानी आदि पीते रहें.